मुंबई : शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 135 अंक नीचे आ गया. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बैंक, ऊर्जा और वाहन शेयरों में बिकवाली से बाजार में गिरावट आयी.
चीन में खासकर प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली जारी रहने से वैश्विक बाजारों पर असर पड़ा. इसके अलावा निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले सतर्क रुख अपना रहे हैं.
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 700 अंक से अधिक नीचे चला गया था लेकिन बाद में कुछ लिवाली बढ़ने से यह 135.05 अंक यानी 0.26 प्रतिशत टूटकर 52,443.71 अंक पर बंद हुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 37.05 अंक यानी 0.24 प्रतिशत फिसलकर 15,709.40 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में 2.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में कोटक बैंक का शेयर रहा. इसके अलावा, डा. रेड्डीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, नेस्ले इंडिया और एचडीएफसी बैंक में भी प्रमुखता से गिरावट रही.
दूसरी तरफ, भारती एयरटेल के प्रीपेड शुल्क बढ़ाये जाने के बाद उसके शेयर में सर्वाधिक 5.08 प्रतिशत की तेजी आयी. कंपनी ने एक सप्ताह पहले पोस्ट पेड प्लान शुल्क बढ़ाये थे.
इसके अलावा, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व और अल्ट्राटेक लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं. इनमें 2.60 प्रतिशत तक की तेजी आयी
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, 'नियामकीय मुद्दों को लेकर चीन में प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव के साथ वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच घरेलू बाजार में गिरावट आयी.'
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा संपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंता से वित्तीय शेयरों में बिकवाली की गयी, जिससे मानक सूचकांक नीचे आया. हालांकि यूरोपीय बाजारों से मिले सकारात्मक रुख और गिरावट के बाद कम मूल्य पर शेयरों की लिवाली से बाजार दोपहर कारोबार में दिन के न्यूनतम स्तर से बाहर आया.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'चीन में प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई और फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे को लेकर निवेशकों में कुछ घबराहट रही. इससे घरेलू बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा. हालांकि हाल की बिकवाली के बाद वैश्विक बाजारों में सुधार से कारोबार समाप्त होने से पहले नुकसान कुछ कम हुआ.'
उन्होंने कहा, 'कंपनियों के तिमाही परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने से दवा कंपनियों के शेयरों में मंदड़िये हावी रहे. बैंक, वाहन और रियल्टी शेयरों में भी गिरावट रही. वैश्विक स्तर पर फेडरल रिजर्व की आर्थिक पुनरूद्धार, मुद्रास्फीति और मौद्रिक नीति पर टिप्पणियों से नीति के रुख का अंदाजा लगेगा. इससे निकट भविष्य में बाजार की दिशा निर्भर करेगी.
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और टोक्यो नुकसान में रहें जबकि हांगकांग और सियोल में तेजी रही. यूरोप के प्रमुख बाजारों में मध्याह्न कारोबार में सकारात्मक रुख रहा.
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.76 प्रतिशत मजबूत होकर 74.08 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे मजबूत होकर 74.38 पर बंद हुआ.
शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1,459.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
(पीटीआई-भाषा)