नई दिल्ली: लघु और मध्यम उद्योगों के केंद्र, राज्य सरकारों और लोक उपक्रमों पर बकायों के चुकाने के लिए सरकार एक लाख करोड़ रुपये का कोष बनाएगी. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यह बात कही.
गडकरी ने कहा कि उन्होंने कोष बनाने की योजना तैयार कर ली है. प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने कहा, "हमने एक लाख करोड़ रुपये का कोष बनाने का निर्णय किया है. हम इस कोष का बीमा कराएंगे और सरकार इसका प्रीमियम जमा करेगी. हमने एक फॉर्मूला तैयार किया है जिसमें कोष के आधार पर ब्याज का बोझ बैंक, भुगतान पक्ष और भुगतान पाने वालों के बीच साझा किया जाएगा. यह कोष एमएसएमई कंपनियों का लोक उपक्रमों, केंद्र और राज्य सरकारों पर बकाये को चुकाने के काम आएगा.
गडकरी के पास एमएसएमई के साथ सड़क परिवहन और जमार्ग मंत्रालय का भी प्रभार है.
उन्होंने कहा कि इस कोष से एमएसएमई कंपनियों की एक सीमा तक मदद की जा सकेगी. यह समय के साथ काम करने वाला कोष होगा इसलिए इससे बाजार में अतिरिक्त नकदी पहुंचाने में भी आसानी होगी.
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उद्योग मंडल एसोचैम के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गडकरी ने भारतीय उद्योगों से बड़ी वैश्विक कंपनियों के साथ पूंजी निवेश के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए कहा.
साथ ही सुझाव दिया कि औद्योगिक संगठन को चीन में मौजूदगी रखने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य उद्योगों की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए और उन्हें भारत में कारोबार के लिए आमंत्रित करना चाहिए.
(पीटीआई-भाषा)