मुंबई: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने मंगलवार को बैंकों से कहा कि वे अपने फंसे कर्जों का नए नियमों के तहत समय पर समाधान करने का प्रयास करें ताकि वे उनका बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें.
केन्द्रीय बैंक ने यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की के सालाना बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि केन्द्रीय बैंक निजी और विदेशी बैंकरों के निदेशक मंडल स्तर के अधिकारियों के पारितोषिक को लेकर जल्द ही अंतिम दिशानिर्देश जारी करेगा.
विश्वनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज के समाधान के बारे में संशोधित नियमों को सात जून को जारी किया था. यह नई व्यस्था बैंकों को किसी खास फंसे कर्ज मामले को लेकर अपनी खुद की समाधान योजना बनाने की आजादी देती है और इसमें केंद्रीय बैंक का दखल कम है.
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उन्होंने कहा, "हमने इस मामले में बैंकों को काफी आजादी दी है। हम अब कम दखलंदाजी वाले नियमन बना रहे हैं और हमें उम्मीद है कि बैंक इस तरह की आजादी का अपने लेखे जोखे को बेहतर बनाने में बेहतर ढंग से इस्तेमाल करेंगे ताकि समस्या का समाधान किया जा सके."
रिजर्व बैंक ने बैंकों के फंसे कर्ज की पहचान करने और उसके समाधान के बारे में नये दिशानिर्देश सात जून को जारी किये. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय बैंक द्वारा 12 फरवरी 2018 को जारी उसके ऐसे दिशानिर्देश को उसके अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर बताया था.
इस बीच, विश्वनाथन ने बताया कि रिजर्व बैंक बैंकों के शीर्ष प्रबंधन के लिये उनके पारिश्रमिक के लिये अंतिम दिशनिर्देश जल्द लेकर आयेगा. इस संबंध में रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देशों का मसौदा जारी किया है, जिसमें इसे वैश्विक दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाया गया है.
"हमें इस बारे में उल्लेखनीय टिप्पणियां एवं सुझाव प्राप्त हुये हैं. इसमें बाजार से, बैंकरों और मानव संसाधन क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों ने अपने सुझाव भेजे हैं. हम जल्द ही इन्हें अंतिम रूप देंगे."