मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शक्रवार को पेश द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट आने का नया अनुमान व्यक्त किया है.
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Monetary Policy Committee (MPC) voted unanimously to keep the policy repo rate unchanged at 4 per cent: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/gBWlg1vrpa
— ANI (@ANI) December 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Monetary Policy Committee (MPC) voted unanimously to keep the policy repo rate unchanged at 4 per cent: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/gBWlg1vrpa
— ANI (@ANI) December 4, 2020Monetary Policy Committee (MPC) voted unanimously to keep the policy repo rate unchanged at 4 per cent: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/gBWlg1vrpa
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इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये उदार रुख को कायम रखते हुए कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वह आगे भी नीतिगत दर में कटौती समेत हरसंभव कदम उठाएगा.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया.
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये जरूरी कदम उठाये जाएंगे.
एमपीसी के आज के निर्णय से जहां रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरकरार है, वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी.
इससे पहले, केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मार्च से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत कटौती कर चुका है.
आर्थिक वृद्धि के अनुमान के बारे में दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी.
तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में इसमें क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया गया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है. रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का मानना था कि पेरिशबल्स और बंपर खरीफ की कीमतों से सर्दियों के महीनों में मुद्रास्फीति को कुछ राहत के साथ ऊंचा रहने की संभावना है.
दास ने कहा कि 2021 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास माइनस 7.5 प्रतिशत अनुमानित है. ग्रामीण मांग में सुधार से जीडीपी के और मजबूत होने की उम्मीद है, जबकि शहरी मांग भी गति पकड़ रही है.