नई दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि 2021-22 के बजट में जिन उपायों की घोषणा की गयी है, उसका मकसद भारत को कोविड-19 के कारण उत्पन्न नरमी से बाहर निकालना और निजी निवेश के लिये भारत को बेहतर गंतव्य बनाना है.
कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' के साथ बातचीत में भरोसा जताया कि सरकार अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पार करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि बजट में जिन सुधारों की घोषणा की गयी है, उससे 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.
कुमार ने कहा, 'वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में किये गये उपायों का उद्देश्य वृद्धि को गति देना और भारत को कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न नरमी से बाहर निकालना है.'
उन्होंने कहा, 'बजट का मकसद निजी क्षेत्र में भरोसा बढ़ाकर बेहतर पहुंच और अवसर उपलब्ध कराना तथा भारत को निजी निवेश के लिहज से एक बेहतर गंतव्य बनाना भी है.'
बजट में रखे गये 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य के बारे में कुमार ने कहा कि पिछले 8-9 महीनों में इस मामले में कई काम किये गये हैं और अब बाजार स्थिति में बदलाव आया है.
उन्होंने कहा, 'मुझे भरोसा है कि विनिवेश प्राप्ति लक्ष्य से अधिक रहेगी.'
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कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने पहली बार संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने और विनिवेश के मामले में प्रगति पर नजर रखने के लिये वास्तविक समय पर जानकारी को लेकर 'डैशबोर्ड' की घोषणा की है.
'अत: इस बार क्रियान्वयन पर जोर है.'
उन्होंने कहा कि मजबूत निवेशक अगर नहीं आते, सरकार को अपनी तरफ से जोर लगाना होगा.
उन्होंने कहा, 'और हमें उम्मीद है कि इसके क्रियान्वयन से घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित होंगे और इससे 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.'
यह पूछे जाने पर कि रोजगार के मामले में कब स्थिति बेहतर होगी, कुमार ने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचा में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की गयी है. इसक संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कुमार ने कहा, 'पहली बार, 1.97 लाख करोड़ रुपये राजकोषीय प्रोत्साहन के रूप में आबंटित किये गये हैं. यह उन कंपनियों के लिये, जो कारखाना लगाएंगे. इससे विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजित होगा.'
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण के बारे में कुमार ने कहा कि सभी जरूरी तैयारी की गयी है. इसमें सभी संबद्ध पक्षों को शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि वृद्धि संभावना को बेहतर बनाने और रोजगार के नजरिये से ये सुधार जरूरी हैं.