मुंबई: रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा. विशेषज्ञ इसमें रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्रीय बैंक ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की वित्त वर्ष 2019-20 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 2 अप्रैल से 4 अप्रैल तक होगी.
बयान के अनुसार, "एमपीसी की मौद्रिक नीति समीक्षा को 4 अप्रैल 2019 को 11.45 मिनट पर वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा." वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी के देश की वृद्धि संभावना पर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए उद्योग और विशेषज्ञा को यह उम्मीद है कि बैंक नियामक आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकती है.
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रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है. आरबीआई ने इससे पहले फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. यह कटौती करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद की गयी. विशेषज्ञों के अनुसार रेपो दर में कटौती से चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी.
रेटिंग कंपनी इक्रा ने कहा, "हम इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं." आनंद राठी शेयर्स एंड स्टाक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री तथा कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, "कमजोर वृद्धि परिदृश्य तथा मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होने का कोई कारण नहीं है. मुझे लगता है कि सवाल यह है कि क्या बैंक ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत से अधिक कटौती करेगा."
आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा आज, घट सकती है रेपो दर
आरबीआई ने इससे पहले फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. विशेषज्ञों के अनुसार रेपो दर में कटौती से चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी.
मुंबई: रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा. विशेषज्ञ इसमें रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्रीय बैंक ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की वित्त वर्ष 2019-20 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 2 अप्रैल से 4 अप्रैल तक होगी.
बयान के अनुसार, "एमपीसी की मौद्रिक नीति समीक्षा को 4 अप्रैल 2019 को 11.45 मिनट पर वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा." वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी के देश की वृद्धि संभावना पर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए उद्योग और विशेषज्ञा को यह उम्मीद है कि बैंक नियामक आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकती है.
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रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है. आरबीआई ने इससे पहले फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. यह कटौती करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद की गयी. विशेषज्ञों के अनुसार रेपो दर में कटौती से चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी.
रेटिंग कंपनी इक्रा ने कहा, "हम इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं." आनंद राठी शेयर्स एंड स्टाक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री तथा कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, "कमजोर वृद्धि परिदृश्य तथा मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होने का कोई कारण नहीं है. मुझे लगता है कि सवाल यह है कि क्या बैंक ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत से अधिक कटौती करेगा."
आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा आज, घट सकती है रेपो दर
मुंबई: रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा. विशेषज्ञ इसमें रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्रीय बैंक ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की वित्त वर्ष 2019-20 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 2 अप्रैल से 4 अप्रैल तक होगी.
बयान के अनुसार, "एमपीसी की मौद्रिक नीति समीक्षा को 4 अप्रैल 2019 को 11.45 मिनट पर वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा." वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी के देश की वृद्धि संभावना पर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए उद्योग और विशेषज्ञा को यह उम्मीद है कि बैंक नियामक आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकती है.
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रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है. आरबीआई ने इससे पहले फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. यह कटौती करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद की गयी. विशेषज्ञों के अनुसार रेपो दर में कटौती से चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी.
रेटिंग कंपनी इक्रा ने कहा, "हम इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं." आनंद राठी शेयर्स एंड स्टाक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री तथा कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, "कमजोर वृद्धि परिदृश्य तथा मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होने का कोई कारण नहीं है. मुझे लगता है कि सवाल यह है कि क्या बैंक ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत से अधिक कटौती करेगा."
Conclusion: