नई दिल्ली: बैंक तथा वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बुधवार को नीतिगत दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती को लीक से हट कर किया गया निर्णय बताया और कहा कि निवेश तथा उपभोग मांग को बढ़ावा दे कर अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आगे और पहल करने की जरूरत है.
आरबीआई का नीतिगत निर्णय लीक से हटकर, वृद्धि को गति देने के लिए अभी और पहल जरूरी: विशेषज्ञ
रिजर्व बैंक ने वृद्धि को गति देने तथा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के स्तर से नीचे रखने के मकसद से रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती कर इसे नौ साल के न्यूनतम स्तर 5.40 प्रतिशत पर ला दिया है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती का निर्णय लीक से हटकर है और यह संभवत: इस बात को मान्यता देता है कि मौद्रिक नीति में बाजार के लिए अप्रत्याशित फैसलों का सबसे अच्छा असर होता है.
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यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राय ने कहा कि आर्थिक वृद्धि की चिंता से परपंरा से हटकर नरम मौद्रिक नीति देखने को मिली. उन्होंने कहा, "आरबीआई अबतक परंपरागत रूप से रेपो में 0.25 प्रतिशत (या उसके गुणकों) में बदलाव करता रहा है लेकिन इस बार उसने 0.35 प्रतिशत की कटौती कर इसे 5.40 प्रतिशत कर दिया. रेपो दर का यह स्तर जुलाई 2010 के बाद सबसे कम है."
रीयल एस्टेट क्षेत्र ने रेपो दर में कटौती का किया स्वागत
रीयल एस्टेट उद्योग ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती किये जाने का स्वागत किया है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आवासीय इकाइयों की बिक्री में तेजी आएगी.
सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा, "हमारा मानना है कि इस घोषणा से आवास ऋण की ब्याज दरें आगे और कम हो सकती हैं और इससे किफायती आवास की सरकार की मुहिम को गति मिलेगी."
बैंक नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं : उद्योग जगत
भारतीय उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दर में बुधवार को 0.35 प्रतिशत की कटौती का स्वागत किया है और अपील की है कि वाणिज्यिक बैंक नीतिगत ब्याज दर में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दें ताकि निवेश और उपभोग को बढावा मिल सके.
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि बुधवार की दर कटौती और बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद धन) की जरूरत से ज्यादा उपलब्धता के बाद यह महत्वपूर्ण है कि व्यावसायिक बैंक अपनी ऋण ब्याज दरों में कटौती कर नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं.
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो हमें उपभोग और निवेश में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा.
निर्यातकों ने रेपो दर में कटौती का स्वागत किया
निर्यातकों ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती का स्वागत करते हुये रिजर्व बैंक से निर्यातकों को रिण वितरण में तेजी लाने और दर कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के वास्ते कदम उठाने का आग्रह किया है.
निर्यातकों ने कहा है कि रिजर्व बैंक को खासतौर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में आसानी से रिण उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिये.