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आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया - आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को को इजाजत दी गई है कि वे ग्राहकों को कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर तीन और महीनों की मोहलत एक जून से 31 अगस्त 2020 तक दे सकते हैं.

आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया
आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया
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Published : May 22, 2020, 12:14 PM IST

Updated : May 22, 2020, 7:38 PM IST

मुंबई: रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कर्जदारों को एक बार फिर राहत दी. शीर्ष बैंक ने कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर तीन महीनों की और मोहलत देने का फैसला किया. कोरोना वायरस संकट के कारण लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है और ऐसे में इस फैसले से उन्हें राहत मिलेगी.

आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया

इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच ऋण (एक साल और उससे अधिक अवधि वाले कर्ज) के भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को को इजाजत दी गई है कि वे ग्राहकों को कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर तीन और महीनों की मोहलत एक जून से 31 अगस्त 2020 तक दे सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप बकाया समय-सारिणी और आगे की सभी बकाया तारीखें, और इन ऋणों की अवधि आगे तीन महीनों के लिए बढ़ाई जा सकती है.

ऋण अदायगी टाले के चलते लोगों के बैंक खातों से मासिक किस्त (ईएमआई) नहीं ली जाएगी और कर्जदारों के पास पर्याप्त नकदी बची रहेगी.

कर्ज के अदायगी के लिए ईएमआई का भुगतान 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही शुरू होगा.

जो कर्जदार ऋण अदायगी टालने का विकल्प चुनेंगे, उन्हें जिस अवधि के दौरान भुगतान नहीं किया गया है, उस पर भी ब्याज देना होगा और उनकी ईएमआई को उतना ही आगे बढ़ा दिया जाएगा.

इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने वित्तीय संस्थानों से कहा है कि कोविड-19 संकट के कारण ऋण स्थगन की पूरी अवधि को 30 दिनों की समीक्षा अवधि या 180 दिनों की समाधान अवधि से बाहर रखा जाए.

उल्लेखनीय है कि बैंकों को बड़े खातों के चूक होने की स्थिति में 20 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रावधान रखना होता है.

उन्होंने कहा, "तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान के लिए निरंतर चुनौतियों को देखते हुए कर्ज देने वाले संस्थानों को इजाजत दी गई है कि वह ऋण अदायगी टाले जाने की पूरी अवधि - एक मार्च से 31 अगस्त - को 30 दिनों की समीक्षा अवधि या 180 दिनों की समाधान अवधि से बाहर रखा जाए."

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण ऋण बाजार और अन्य पूंजी बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है. नतीजतन, कई कॉरपोरेट को पूंजी बाजार से धन जुटाने में मुश्किल हो रही है, जो मुख्य रूप से बैंकों से वित्त पोषण पर निर्भर हैं.

ऐसे में केंद्रीय बैंक ने कॉरपोरेट क्षेत्र को अधिक कर्ज देने के प्रावधान भी किए हैं और वे अपनी कार्यशील पूंजी के 30 प्रतिशत तक कर्ज ले सकते हैं. अभी तक यह सीमा 25 प्रतिशत थी. बढ़ी हुई सीमा 30 जून 2021 तक प्रभावी है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कर्जदारों को एक बार फिर राहत दी. शीर्ष बैंक ने कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर तीन महीनों की और मोहलत देने का फैसला किया. कोरोना वायरस संकट के कारण लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है और ऐसे में इस फैसले से उन्हें राहत मिलेगी.

आरबीआई ने लोन चुकाने की छूट तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया

इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच ऋण (एक साल और उससे अधिक अवधि वाले कर्ज) के भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को को इजाजत दी गई है कि वे ग्राहकों को कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर तीन और महीनों की मोहलत एक जून से 31 अगस्त 2020 तक दे सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप बकाया समय-सारिणी और आगे की सभी बकाया तारीखें, और इन ऋणों की अवधि आगे तीन महीनों के लिए बढ़ाई जा सकती है.

ऋण अदायगी टाले के चलते लोगों के बैंक खातों से मासिक किस्त (ईएमआई) नहीं ली जाएगी और कर्जदारों के पास पर्याप्त नकदी बची रहेगी.

कर्ज के अदायगी के लिए ईएमआई का भुगतान 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही शुरू होगा.

जो कर्जदार ऋण अदायगी टालने का विकल्प चुनेंगे, उन्हें जिस अवधि के दौरान भुगतान नहीं किया गया है, उस पर भी ब्याज देना होगा और उनकी ईएमआई को उतना ही आगे बढ़ा दिया जाएगा.

इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने वित्तीय संस्थानों से कहा है कि कोविड-19 संकट के कारण ऋण स्थगन की पूरी अवधि को 30 दिनों की समीक्षा अवधि या 180 दिनों की समाधान अवधि से बाहर रखा जाए.

उल्लेखनीय है कि बैंकों को बड़े खातों के चूक होने की स्थिति में 20 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रावधान रखना होता है.

उन्होंने कहा, "तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान के लिए निरंतर चुनौतियों को देखते हुए कर्ज देने वाले संस्थानों को इजाजत दी गई है कि वह ऋण अदायगी टाले जाने की पूरी अवधि - एक मार्च से 31 अगस्त - को 30 दिनों की समीक्षा अवधि या 180 दिनों की समाधान अवधि से बाहर रखा जाए."

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण ऋण बाजार और अन्य पूंजी बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है. नतीजतन, कई कॉरपोरेट को पूंजी बाजार से धन जुटाने में मुश्किल हो रही है, जो मुख्य रूप से बैंकों से वित्त पोषण पर निर्भर हैं.

ऐसे में केंद्रीय बैंक ने कॉरपोरेट क्षेत्र को अधिक कर्ज देने के प्रावधान भी किए हैं और वे अपनी कार्यशील पूंजी के 30 प्रतिशत तक कर्ज ले सकते हैं. अभी तक यह सीमा 25 प्रतिशत थी. बढ़ी हुई सीमा 30 जून 2021 तक प्रभावी है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 22, 2020, 7:38 PM IST

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