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मांग बढ़ाने के लिए गरीबों के हाथ में पैसा दे सरकार: चिदंबरम

वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को उबारने का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना है. उन्होंने कहा कि आम जनता के हाथ में पैसा दिया जाना चाहिए, बड़े लोगों के हाथ में नहीं.

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Published : Feb 7, 2020, 10:40 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 2:02 PM IST

मांग बढ़ाने के लिए गरीबों के हाथ में पैसा दे सरकार: चिदंबरम
मांग बढ़ाने के लिए गरीबों के हाथ में पैसा दे सरकार: चिदंबरम

पुणे: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को उबारने का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना है. उन्होंने कहा कि आम जनता के हाथ में पैसा दिया जाना चाहिए, बड़े लोगों के हाथ में नहीं.

हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा यह सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि 'यह सूट बूट की सरकार' है. कांग्रेस नेता ने यहां 'सीएए-एनपीआर-एनआरसी और आम बजट' पर व्याख्यान दे रहे थे.

ये भी पढ़ें- कोरोनावायरस: चीन के छींक से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हो सकता है जुखाम

उन्होंने कहा, "अर्थव्यवस्था के साथ समस्या यह है कि मांग नहीं है. मांग की कमी है. लोग वस्तु और सेवाएं नहीं खरीद रहे हैं. इसकी वजह यह है कि उनके पास पैसा नहीं है."

चिदंबरम ने कहा, "इस स्थिति का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना हैं लेकिन यह सूट बूट की सरकार ऐसा नहीं करेगी."

चिदंबरम ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुचित कानूनों की अवज्ञा की जानी चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा ने कहा कि आजादी का इतिहास यह है कि लोग अन्याय के खिलाफ खड़े हुए. सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा भारत को यह डीएनए महात्मा गांधी ने दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

पुणे: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को उबारने का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना है. उन्होंने कहा कि आम जनता के हाथ में पैसा दिया जाना चाहिए, बड़े लोगों के हाथ में नहीं.

हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा यह सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि 'यह सूट बूट की सरकार' है. कांग्रेस नेता ने यहां 'सीएए-एनपीआर-एनआरसी और आम बजट' पर व्याख्यान दे रहे थे.

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उन्होंने कहा, "अर्थव्यवस्था के साथ समस्या यह है कि मांग नहीं है. मांग की कमी है. लोग वस्तु और सेवाएं नहीं खरीद रहे हैं. इसकी वजह यह है कि उनके पास पैसा नहीं है."

चिदंबरम ने कहा, "इस स्थिति का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना हैं लेकिन यह सूट बूट की सरकार ऐसा नहीं करेगी."

चिदंबरम ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुचित कानूनों की अवज्ञा की जानी चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा ने कहा कि आजादी का इतिहास यह है कि लोग अन्याय के खिलाफ खड़े हुए. सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा भारत को यह डीएनए महात्मा गांधी ने दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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मांग बढ़ाने के लिए गरीबों के हाथ में पैसा दे सरकार: चिदंबरम

पुणे: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को उबारने का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना है. उन्होंने कहा कि आम जनता के हाथ में पैसा दिया जाना चाहिए, बड़े लोगों के हाथ में नहीं. 

हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा यह सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि 'यह सूट बूट की सरकार' है. कांग्रेस नेता ने यहां 'सीएए-एनपीआर-एनआरसी और आम बजट' पर व्याख्यान दे रहे थे. 

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उन्होंने कहा, "अर्थव्यवस्था के साथ समस्या यह है कि मांग नहीं है. मांग की कमी है. लोग वस्तु और सेवाएं नहीं खरीद रहे हैं. इसकी वजह यह है कि उनके पास पैसा नहीं है." 

चिदंबरम ने कहा, "इस स्थिति का उत्कृष्ट समाधान गरीबों के हाथ में पैसा देना हैं लेकिन यह सूट बूट की सरकार ऐसा नहीं करेगी." 

चिदंबरम ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुचित कानूनों की अवज्ञा की जानी चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा ने कहा कि आजादी का इतिहास यह है कि लोग अन्याय के खिलाफ खड़े हुए. सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा भारत को यह डीएनए महात्मा गांधी ने दिया था.

 


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Last Updated : Feb 29, 2020, 2:02 PM IST
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