नई दिल्ली: नीति आयोग ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक स्तर के प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास के लिये नवप्रवर्तन को महत्वपूर्ण मानते हैं.
नीति अयोग ने सात अगस्त को प्रौद्योागिकी क्षेत्र के दिग्गजों के साथ डिजिटल तरीके से बातचीत में मोदी के हवाले से कहा, "अगर नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय का आज निर्माण किया जाता, वे पूरी तरह से आभासी (ऑनलाइन) होते. समशिक्षा को भविष्य की अपनी तरह की पहली ऑनलाइन विश्विविद्यालय के रूप में परिकल्पित किया गया है."
आयोग के अनुसार प्रधानमंत्री ने 'ऑनलाइन' कक्षाओं में गुरू-शिष्य परंपरा जारी रखने पर भी जोर दिया है.
नीति आयोग ने मोदी के हवाले से ट्विटर पर लिखा है, "वैश्विक स्तर के उत्पाद विकसित करने के लिये नवप्रवर्तन महत्वपूर्ण है. भीम एक बेहतर उत्पाद है जिसने अपनी प्रौद्योगिकी और मंच को साबित किया है. यह भरोसेमंद, त्वरित और निर्बाध है."
नीति आयोग के ट्वीट के अनुसार प्रधानमंत्री ने उन्नति को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मंच करार दिया है जिसका मकसद 20 करोड़ मेहनत करने वाले कामगारों और पेशेवरों (ब्लू और ग्रे कॉलर वर्कर) को आजीविका उपलब्ध कराना है.
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आयोग ने कहा, "मंच आकांक्षाओं को उड़ान दे सकता है और रोजगार चाहने वालों को उपलब्ध अवसरों के बारे में शिक्षित करने के साथ उन्हें और कुशल बनाने में मदद कर सकता है."
सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद चुनौतियों से पार पाने के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी में प्रौद्योगिकी आधारित समाधान विकसित करने को लेकर सात प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है. ये सात क्षेत्र हैं, वित्तीय समावेश, डिजिटल स्वास्थ्य, आजीविका, पोषण, एमएसएमई, कृषि और शिक्षा.
(पीटीआई-भाषा)