मुंबई: विदेशी मुद्रा आस्तियों के बढ़ने की वजह से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 मई को समाप्त सप्ताह में 1.368 अरब डॉलर बढ़कर 420.055 अरब डॉलर हो गया. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्राभंडार 17.19 करोड़ डॉलर बढ़कर 418.687 अरब डॉलर हो गया था.
आलोच्य सप्ताह में कुल मुद्राभंडार का अहम हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.358 अरब डॉलर बढ़कर 392.227 अरब डॉलर हो गयीं. डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियां मुद्राभंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि मूल्यह्रास के प्रभावों को भी समाहित करता है.
ये भी पढ़ें- कमजोर मानसून से प्रभावित हो सकती है ग्रामीण क्षेत्र में एफएमसीजी की वृद्धि दर: नेस्ले इंडिया
आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार 23.021 अरब डॉलर पर स्थिर बना रहा. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से विशेष आहरण अधिकार 30 लाख डॉलर बढ़कर 1.454 अरब डॉलर हो गया.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास देश का मुद्राभंडार भी 70 लाख डॉलर बढ़कर 3.351 अरब डॉलर हो गया. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डालर के सर्वकालिक रिकार्ड स्तर पर था.
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें. इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है.
विदेशी मुद्रा भंडार के साधन
कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंकनोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए. हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है.