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अगले प्रोत्साहन पैकेज में कम समय में बनने वाली ढांचागत परियोजनाओं पर हो जोर: राजीव कुमार

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Published : Oct 23, 2020, 10:45 AM IST

पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेते हुए कुमार ने कहा कि "कुछ लोग हैं जो अब कह रहे हैं कि यह उतना खराब नहीं हो सकता जितना कि पूर्वानुमान लगाया गया है. इस बात के संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका नहीं है, जैसा कि हमने पहले सोचा था."

अगले प्रोत्साहन पैकेज में कम समय में बनने वाली ढांचागत परियोजनाओं पर हो जोर: राजीव कुमार
अगले प्रोत्साहन पैकेज में कम समय में बनने वाली ढांचागत परियोजनाओं पर हो जोर: राजीव कुमार

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न संगठनों के अनुमान के विपरीत देश की अर्थव्यवसथा में चालू वित्त वर्ष में गिरावट कम रहने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि अगले प्रोत्साहन पैकेज में कम अवधि में तैयार होने वाली ढांचागत परियोजनाओं पर जोर दिया जाना चाहिए.

पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेते हुए कुमार ने कहा कि "कुछ लोग हैं जो अब कह रहे हैं कि यह उतना खराब नहीं हो सकता जितना कि पूर्वानुमान लगाया गया है. इस बात के संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका नहीं है, जैसा कि हमने पहले सोचा था."

ये भी पढ़ें- देश में जुलाई-सितंबर में बिके पांच करोड़ स्मार्टफोन, चीनी कंपनियों की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी

कुमार ने कहा कि अगस्त और सितंबर में पुनरूद्धार बेहतर रहा है और पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स), बिजली खपत, औद्योगिक उत्पादन जैसे कई प्रमुख आंकड़ों से यह पता चलता है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में गिरावट अनुमान से कम होगी. चौथी तिमाही में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है."

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, "अगर यह सही है, मुझे लगता है कि गिरावट अनुमान के मुकाबले कहीं कम होगी. हालांकि, गिरावट स्वयं एक अभूतपूर्व चीज है."

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक ने क्रमश: 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत गिरावट की आशंका जतायी है. कुमार ने यह भी कहा कि अगले प्रोत्साहन पैकेज में उन ढांचागत परियोजनाओं पर जोर होना चाहिए, जिनमें कम समय लगता है. इसका अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वृद्धि टिकाऊ हो सकती है.

उन्होंने कहा, "कई उत्पादकता को बढ़ाने वाले व्यय हैं जिसे अल्प अवधि में क्रियान्वित किया जा सकता है." कुमार ने कहा, "इस समय हम प्रोत्साहन पर गौर कर रहे हैं जिससे वृद्धि सतत हो सके और पुनरूद्धार को गति मिल सके... मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय उस दिशा में काम करेगा."

उल्लेखनीय है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा था कि उन्होंने और प्रोत्साहनों को लेकर विकल्पों को बंद नहीं किया है. कुमार ने यह भी कहा कि भारतीय बैंकों को विशेषज्ञता की जरूरत है और सरकार इस पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि भारत की वित्तीय घरेलू बचत को आकर्षित किये जाने की व्यापक संभावनायें हैं. "भारत में 5,000 टन साना यूं ही रखा हुआ है, इस सोने के मौद्रीकरण पर हमें काम करना चाहिये."

भारत को सतत आर्थिक वृद्धि के लिये प्रमुख निर्यातक देश बनना होगा: कांत

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर भारत को वृद्धि के रास्ते पर सतत रूप से आगे बढ़ना है तो वैश्विक बाजारों की ओर देखना होगा और प्रमुख निर्यातक देश बनना होगा.

उन्होंने कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि वैश्वीकरण पिछले कुछ दशकों में आबादी के बड़े हिस्से को तरक्की के रास्ते पर ले गया. अगर भारत को वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ना है, वैश्विक बाजारों की ओर देखना होगा और प्रमुख निर्यातक देश बनना पड़ेगा."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न संगठनों के अनुमान के विपरीत देश की अर्थव्यवसथा में चालू वित्त वर्ष में गिरावट कम रहने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि अगले प्रोत्साहन पैकेज में कम अवधि में तैयार होने वाली ढांचागत परियोजनाओं पर जोर दिया जाना चाहिए.

पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेते हुए कुमार ने कहा कि "कुछ लोग हैं जो अब कह रहे हैं कि यह उतना खराब नहीं हो सकता जितना कि पूर्वानुमान लगाया गया है. इस बात के संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका नहीं है, जैसा कि हमने पहले सोचा था."

ये भी पढ़ें- देश में जुलाई-सितंबर में बिके पांच करोड़ स्मार्टफोन, चीनी कंपनियों की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी

कुमार ने कहा कि अगस्त और सितंबर में पुनरूद्धार बेहतर रहा है और पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स), बिजली खपत, औद्योगिक उत्पादन जैसे कई प्रमुख आंकड़ों से यह पता चलता है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में गिरावट अनुमान से कम होगी. चौथी तिमाही में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है."

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, "अगर यह सही है, मुझे लगता है कि गिरावट अनुमान के मुकाबले कहीं कम होगी. हालांकि, गिरावट स्वयं एक अभूतपूर्व चीज है."

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक ने क्रमश: 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत गिरावट की आशंका जतायी है. कुमार ने यह भी कहा कि अगले प्रोत्साहन पैकेज में उन ढांचागत परियोजनाओं पर जोर होना चाहिए, जिनमें कम समय लगता है. इसका अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वृद्धि टिकाऊ हो सकती है.

उन्होंने कहा, "कई उत्पादकता को बढ़ाने वाले व्यय हैं जिसे अल्प अवधि में क्रियान्वित किया जा सकता है." कुमार ने कहा, "इस समय हम प्रोत्साहन पर गौर कर रहे हैं जिससे वृद्धि सतत हो सके और पुनरूद्धार को गति मिल सके... मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय उस दिशा में काम करेगा."

उल्लेखनीय है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा था कि उन्होंने और प्रोत्साहनों को लेकर विकल्पों को बंद नहीं किया है. कुमार ने यह भी कहा कि भारतीय बैंकों को विशेषज्ञता की जरूरत है और सरकार इस पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि भारत की वित्तीय घरेलू बचत को आकर्षित किये जाने की व्यापक संभावनायें हैं. "भारत में 5,000 टन साना यूं ही रखा हुआ है, इस सोने के मौद्रीकरण पर हमें काम करना चाहिये."

भारत को सतत आर्थिक वृद्धि के लिये प्रमुख निर्यातक देश बनना होगा: कांत

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर भारत को वृद्धि के रास्ते पर सतत रूप से आगे बढ़ना है तो वैश्विक बाजारों की ओर देखना होगा और प्रमुख निर्यातक देश बनना होगा.

उन्होंने कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि वैश्वीकरण पिछले कुछ दशकों में आबादी के बड़े हिस्से को तरक्की के रास्ते पर ले गया. अगर भारत को वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ना है, वैश्विक बाजारों की ओर देखना होगा और प्रमुख निर्यातक देश बनना पड़ेगा."

(पीटीआई-भाषा)

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