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प्याज की कीमतों में घट-बढ़ तय करेगी नीतिगत ब्याज दर में कटौती की राह

प्याज के दाम पिछले कुछ हफ्तों से आसमान छू रहे हैं और कुछ बाजार में यह 200 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया है. प्याज को राजनीतिक रूप से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है.

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प्याज की कीमतों में घट-बढ़ तय करेगी नीतिगत ब्याज दर में कटौती की राह
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Published : Dec 10, 2019, 9:17 PM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को पूर्वस्तर पर रखकर बाजार को हैरत में डाल दिया है. एक अमेरिकी ब्रोक्ररेज फर्म ने कहा कि नीतिगत दर में अगली कटौती में प्याज की बहुत अधिक भूमिका होगी.

प्याज के दाम पिछले कुछ हफ्तों से आसमान छू रहे हैं और कुछ बाजार में यह 200 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया है. प्याज को राजनीतिक रूप से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है.

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के अर्थशास्त्रियों ने एक नोट में मंगलवार को कहा, "हम निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि आरबीआई की ओर से नीतिगत दर में अगली कटौती के लिए प्याज की कीमतों पर नजर रखें."

इसमें कहा गया है कि दिसंबर में प्याज के दाम में सालाना आधार पर 371 प्रतिशत का उछाल आया है. नवंबर में यह 177 प्रतिशत था.

ये भी पढ़ें: विनिवेश लाभ या हानि के आधार नहीं: सरकार

यदि प्याज दिसंबर में 60 रुपये किलो और जनवरी में 40 रुपये हो जाता है तो मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.9 प्रतिशत और जनवरी में गिरकर 5.4 प्रतिशत पर आ जानी चाहिए, लेकिन यदि आयातित प्याज की आवक होने से जनवरी में प्याज 60 रुपये पर रहती है तो इस महीने मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत पर रह सकती है.

हालांकि, नोट में कहा गया है कि यह फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति बैठक में नीतिगत दर में कटौती के लिए आधार होगा.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को पूर्वस्तर पर रखकर बाजार को हैरत में डाल दिया है. एक अमेरिकी ब्रोक्ररेज फर्म ने कहा कि नीतिगत दर में अगली कटौती में प्याज की बहुत अधिक भूमिका होगी.

प्याज के दाम पिछले कुछ हफ्तों से आसमान छू रहे हैं और कुछ बाजार में यह 200 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया है. प्याज को राजनीतिक रूप से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है.

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के अर्थशास्त्रियों ने एक नोट में मंगलवार को कहा, "हम निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि आरबीआई की ओर से नीतिगत दर में अगली कटौती के लिए प्याज की कीमतों पर नजर रखें."

इसमें कहा गया है कि दिसंबर में प्याज के दाम में सालाना आधार पर 371 प्रतिशत का उछाल आया है. नवंबर में यह 177 प्रतिशत था.

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यदि प्याज दिसंबर में 60 रुपये किलो और जनवरी में 40 रुपये हो जाता है तो मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.9 प्रतिशत और जनवरी में गिरकर 5.4 प्रतिशत पर आ जानी चाहिए, लेकिन यदि आयातित प्याज की आवक होने से जनवरी में प्याज 60 रुपये पर रहती है तो इस महीने मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत पर रह सकती है.

हालांकि, नोट में कहा गया है कि यह फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति बैठक में नीतिगत दर में कटौती के लिए आधार होगा.

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