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अगला आर्थिक पैकेज जल्द, मंत्रालयों से ली जा रही जानकारी - मंत्रालयों से ली जा रही जानकारी

वित्त मंत्रालय ने पीएमओ को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए एक समर्पित फंड बनाने का सुझाव दिया है, जिसका इस्तेमाल पहचाने गए उद्योगों को लॉकडाउन बाद ब्याजमुक्त ऋण देने और कारोबार को पटरी पर लाने के लिए जरूरी पूंजीगत सपोर्ट देने के लिए किया जा सकता है. फंड का आकार बड़ी संख्या में उद्यमों को मदद करने लिहाज से बड़ा हो सकता है.

अगला आर्थिक पैकेज जल्द, मंत्रालयों से ली जा रही जानकारी
अगला आर्थिक पैकेज जल्द, मंत्रालयों से ली जा रही जानकारी
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Published : May 3, 2020, 12:29 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सहित प्रमुख मंत्रियों और सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ दूसरे आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए श्रंखलाबद्ध बैठकें की हैं. यह पैकेज कोविड-19 के प्रकोप के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों को लक्षित होगा.

इस बैठक की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि बैठक पिछले कई दिनों से चल रही है और इसके पीछे का मकसद मौजूदा लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेगमेंट पर हुए असर की जानकारी हासिल करना और ऐसे तात्कालिक उपायों की पहचान करना है, जिसकी जरूरत एक राहत और पुनर्जीवन रणनीति के रूप में पड़ सकती है.

ये भी पढ़ें-रिजर्व बैंक गवर्नर ने बैंक प्रमुखों के साथ की समीक्षा बैठक

इस कसरत के हिस्से के रूप में मोदी ने शाह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी के साथ शुकवार को मुलाकात की थी. बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल थे.

इसके पहले गुरुवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रियों के साथ भी बैठकें हुई थीं. शनिवार को प्रधानमंत्री ने कृषि सेक्टर से संबंधित मुद्दों और सुधारों पर चर्चा के लिए कृषि मंत्री के साथ बैठक की.

चूंकि सरकार देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित कर चार मई से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को अनुमति देने जा रही है, लिहाजा एक पैकेज के जरिए खास सेक्टरों को मदद करने की तत्कालिक जरूरत है, ताकि कारोबार अपनी खोई जमीन फिर से हासिल कर सकें और आर्थिक गतिविधियां वापस धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं.

सूत्रों ने कहा है कि सरकार इस संबंध में एक चरणबद्ध दृष्टिकोण अपना सकती है और अगला प्रोत्साहन एसएमई सेगमेंट की चिंताओं पर केंद्रित हो सकता है, जो कोविड-19 के प्रकोप और परिणामस्वरूप राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. सरकार के लिए छोटे कारोबारों को फिर से जिंदा करना एक प्रमुख चिंता का विषय है.

वित्त मंत्रालय ने पीएमओ को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए एक समर्पित फंड बनाने का सुझाव दिया है, जिसका इस्तेमाल पहचाने गए उद्योगों को लॉकडाउन बाद ब्याजमुक्त ऋण देने और कारोबार को पटरी पर लाने के लिए जरूरी पूंजीगत सपोर्ट देने के लिए किया जा सकता है. फंड का आकार बड़ी संख्या में उद्यमों को मदद करने लिहाज से बड़ा हो सकता है.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, "पैकेज के बिंदु तय किए जा रहे हैं और इसकी घोषणा के वास्तविक समय पर अभी विचार किया जा रहा है. लेकिन इसे जल्द ही घोषित किया जाएगा."

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सहित प्रमुख मंत्रियों और सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ दूसरे आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए श्रंखलाबद्ध बैठकें की हैं. यह पैकेज कोविड-19 के प्रकोप के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों को लक्षित होगा.

इस बैठक की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि बैठक पिछले कई दिनों से चल रही है और इसके पीछे का मकसद मौजूदा लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेगमेंट पर हुए असर की जानकारी हासिल करना और ऐसे तात्कालिक उपायों की पहचान करना है, जिसकी जरूरत एक राहत और पुनर्जीवन रणनीति के रूप में पड़ सकती है.

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इस कसरत के हिस्से के रूप में मोदी ने शाह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी के साथ शुकवार को मुलाकात की थी. बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल थे.

इसके पहले गुरुवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रियों के साथ भी बैठकें हुई थीं. शनिवार को प्रधानमंत्री ने कृषि सेक्टर से संबंधित मुद्दों और सुधारों पर चर्चा के लिए कृषि मंत्री के साथ बैठक की.

चूंकि सरकार देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित कर चार मई से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को अनुमति देने जा रही है, लिहाजा एक पैकेज के जरिए खास सेक्टरों को मदद करने की तत्कालिक जरूरत है, ताकि कारोबार अपनी खोई जमीन फिर से हासिल कर सकें और आर्थिक गतिविधियां वापस धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं.

सूत्रों ने कहा है कि सरकार इस संबंध में एक चरणबद्ध दृष्टिकोण अपना सकती है और अगला प्रोत्साहन एसएमई सेगमेंट की चिंताओं पर केंद्रित हो सकता है, जो कोविड-19 के प्रकोप और परिणामस्वरूप राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. सरकार के लिए छोटे कारोबारों को फिर से जिंदा करना एक प्रमुख चिंता का विषय है.

वित्त मंत्रालय ने पीएमओ को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए एक समर्पित फंड बनाने का सुझाव दिया है, जिसका इस्तेमाल पहचाने गए उद्योगों को लॉकडाउन बाद ब्याजमुक्त ऋण देने और कारोबार को पटरी पर लाने के लिए जरूरी पूंजीगत सपोर्ट देने के लिए किया जा सकता है. फंड का आकार बड़ी संख्या में उद्यमों को मदद करने लिहाज से बड़ा हो सकता है.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, "पैकेज के बिंदु तय किए जा रहे हैं और इसकी घोषणा के वास्तविक समय पर अभी विचार किया जा रहा है. लेकिन इसे जल्द ही घोषित किया जाएगा."

(आईएएनएस)

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