मुंबई: जापान की ब्रोकर फर्म नोमुरा ने मंगलवार को कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में सरकार द्वारा तीन नए बाहरी सदस्यों की नियुक्ति से कम ब्याज दर को बढ़ावा मिल सकता है.
सरकार ने कुछ देरी के बाद सोमवार को आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांका भिडे को मौद्रिक नीति समिति में नियुक्त किया था. इन नियुक्तियों में देरी के चलते आरबीआई को पिछले सप्ताह समिति की द्विमासिक बैठक को स्थगित करना पड़ा था. इन नियुक्तियों के बाद नवगठित पैनल की बैठक बुधवार को शुरू होगी और नतीजे शुक्रवार को आएंगे.
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नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा, "नए बाहरी सदस्य एमपीसी को ब्याज दर कम रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं... हमारा मानना है कि नए बाहरी सदस्य अपने नीतिगत विचारों में ब्याज दरों को कम करने के अधिक पक्षधर हैं, जो ये एमपीसी को इस दिशा में प्रेरित करेंगे."
हालांकि, उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के मौजूदा उच्च स्तर को देखते हुए नीति पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, एमपीसी दरों को स्थिर बनाए रखने पर जोर दे सकती है. नोमुला ने नए सदस्यों के पिछले लेखों और बयानों के विश्लेषण के आधार पर यह राय दी.
(पीटीआई-भाषा)