नई दिल्ली: देश में पिछले 16 महीने के दौरान (सितंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक) करीब 2 करोड़ रोजगार सृजित हुए हैं. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के पास उपलब्ध कंपनियों के 'वेतन भुगतान' संबंधी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ने वाले लोगों की संख्या के आधार पर रोजगार को लेकर रिपोर्ट जारी करता है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आई इस रिपोर्ट से सरकार को काफी राहत मिलेगी, जो रोजगार के मुद्दे पर विपक्षी हमलों का सामना कर रही है.
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ईएसआईसी के वेतन भुगतान से जुड़े आंकड़े भी इनमें से एक हैं जिन्हें सीएसओ अपनी रिपोर्ट में जारी करता है. ईएसआईसी अपने पास पंजीकृत लोगों को स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराता है. इसमें वे सभी प्रतिष्ठान शामिल होते हैं जिसमें 20 या अधिक कर्मचारी काम करते हैं और जिनका वेतन 21,000 रुपये तक है.
ईएसआईसी की योजना से सितंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक 1.96 करोड़ नए अंशधारक जुड़े. वहीं, ईपीएफओ के आंकड़ों से पता चलता है कि संगठित क्षेत्र में दिसंबर 2018 में 7.16 लाख रोजगार सृजित हुए जो एक साल पहले इसी महीने में 2.37 लाख के मुकाबले लगभग तीन गुना है. इसके अनुसार सितंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक 72.38 लाख लोग ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े.
ईपीएफओ के दायरे में वे सभी कंपनियां आती हैं जहां 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. जिन कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये मासिक तक है, वे अनिवार्य रूप से योजना के दायरे में आते हैं. इसी अवधि में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या 9,66,381 रही. एनपीएस के अंतर्गत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी आते हैं। आम लोग भी इसे स्वेच्छा से अपना सकते हैं. इसमें कहा गया है कि मौजूदा रिपोर्ट संगठित क्षेत्र में रोजगार के बारे में जानकारी देती है और समग्र रूप से रोजगार का आकलन नहीं करती है.
(भाषा)