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आने वाले चार-पांच साल में एमएसएमई क्षेत्र एक करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है: रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है.

आने वाले चार-पांच साल में एमएसएमई क्षेत्र एक करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है: रिपोर्ट
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Published : Apr 9, 2019, 11:51 PM IST

नई दिल्ली: देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता है. नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाना होगा.

ये भी पढ़ें- केरल के पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि का निधन, विधानसभा में 13 बार बजट पेश करने का है रिकार्ड

कृषि क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों को तो संभालना ही होगा इसके साथ ही श्रम बल में शामिल होने वाले नये बल की जिम्मेदारी भी इसी क्षेत्र पर होगी. एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ यानी 70 प्रतिशत रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है.

देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है. विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण के लिये देशभर में शंकुल बने हैं. इनमें कृत्रिम आभूषण, खेलकूद के सामान, वैज्ञानिक उपकरण, कपड़ा मशीनरी, बिजली के पंखे, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा और संबंधित उत्पादों सहित कई अन्य उत्पाद शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में एमएसएमई को और विकसित करने से रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा हो सकते हैं.

नई दिल्ली: देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता है. नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाना होगा.

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कृषि क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों को तो संभालना ही होगा इसके साथ ही श्रम बल में शामिल होने वाले नये बल की जिम्मेदारी भी इसी क्षेत्र पर होगी. एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ यानी 70 प्रतिशत रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है.

देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है. विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण के लिये देशभर में शंकुल बने हैं. इनमें कृत्रिम आभूषण, खेलकूद के सामान, वैज्ञानिक उपकरण, कपड़ा मशीनरी, बिजली के पंखे, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा और संबंधित उत्पादों सहित कई अन्य उत्पाद शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में एमएसएमई को और विकसित करने से रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा हो सकते हैं.

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आने वाले चार-पांच साल में एमएसएमई क्षेत्र एक करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है: रिपोर्ट

नई दिल्ली: देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता है. नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाना होगा. 

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देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है. विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण के लिये देशभर में शंकुल बने हैं. इनमें कृत्रिम आभूषण, खेलकूद के सामान, वैज्ञानिक उपकरण, कपड़ा मशीनरी, बिजली के पंखे, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा और संबंधित उत्पादों सहित कई अन्य उत्पाद शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में एमएसएमई को और विकसित करने से रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा हो सकते हैं.


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