नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालयों ने आपूर्तिकर्ताओं खासकर एमएसएमई को ज्यादातर उत्पादों एवं सेवाओं के बकाया राशि का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि शेष राशि का भुगतान अगले कुछ दिन में कर दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी मंत्रालयों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय की विस्तृत योजनाएं पेश करने को कहा गया है ताकि खर्च बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों को तेज किया जा सके.
बुनियादी उद्योगों से जुड़े मंत्रालयों के साथ बैठक के बाद व्यय सचिव जी सी मुर्मू ने कहा कि करीब 60,000 करोड़ रुपये के बकाये में से 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि शेष राशि का भुगतान अक्टूबर के पहले सप्ताह तक कर दिया जाएगा.
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यह बैठक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) की ओर से भुगतान को लेकर जताई गई चिंताओं के बीच अहम है. एमएसएमई ने शिकायत की थी कि विभिन्न सरकार विभाग तय समय में भुगतान नहीं कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बकाया भुगतान को लेकर हम बैठने के पक्ष में नहीं है.
उन्होंने कहा कि पैसे ऐसे लोगों के पास पहुंचना चाहिए जो लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजी नीचे तक पहुंचनी चाहिए. व्यय सचिव जी . सी . मुर्मू ने कहा कि बुनियादी संरचना क्षेत्र के ज्यादातर मंत्रालयों ने चालू वित्त वर्ष के लिये पूंजीगत खर्च के लक्ष्य का 50 प्रतिशत खर्च पूरा कर लिया है.
सीतारमण ने कहा कि पूंजीगत खर्च सही रास्ते पर, बजट अनुमान पूरे होंगे. उन्होंने कहा, "खपत बढ़ रही है और ऋण देने में वृद्धि हो रही है. यह दोनों मिलकर अर्थव्यवस्था में "तेजी" ला सकते हैं.
कर छूट के बीच व्यय को लक्ष्य के अनुसार बनाए रखने के सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा, राजकोषीय घाटे आंकड़ों का समाधान बाद में निकाला जाएगा. सीतारमण शनिवार को लोक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजीगत व्यय योजनाओं की समीक्षा करेंगी.