नई दिल्ली: 11 लाख से अधिक उद्यमों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के पंजीकरण की नई प्रक्रिया के तहत खुद को पंजीकृत कर लिया है, जो 1 जुलाई से 'उदयम पंजीकरण' के नाम से प्रभाव में आया था.
जुलाई में शुरू की गई नई प्रक्रिया एमएसएमई के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन प्रणाली प्रदान करती है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित एमएसएमई की संशोधित परिभाषा के बाद किया गया है, जो कोविड-19 के प्रकोप के बीच उद्योग के लिए राहत पैकेज के हिस्से के रूप में है.
बदलावों के तहत, एमएसएमई मंत्रालय ने एमएसएमई/उदयम पंजीकरण के लिए एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया है. पोर्टल को सीबीडीटी और जीएसटी नेटवर्क के साथ-साथ जीईएम के साथ भी समेकित रूप से एकीकृत किया गया है. इस एकीकरण के माध्यम से, सरकार अब एमएसएमई पंजीकरण को पूरी तरह से कागज रहित प्रक्रिया के रूप में पेश कर रही है.
एमएसएमई मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सरकार ने अपने सभी फील्ड प्रतिष्ठानों जैसे कि एमएसएमई-डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, एनएसआईसी, केवीआईसी, कॉयर बोर्ड को निर्देश दिया है कि वे उदयम पंजीकरण के लिए उद्यमियों को पूरा समर्थन दें. इसी तरह, सभी जिला अधिकारियों और जिला उद्योग केंद्रों को एमएसएमई द्वारा पंजीकरण में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है.
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नए पंजीकरण की शर्तो के तहत, यह प्रक्रिया एक ट्रांजिशनल (संक्रमणकालीन) व्यवस्था के रूप में 31 मार्च, 2021 तक पैन के बिना की जा सकती है.
इसी तरह, जीएसटी नंबर के बिना पंजीकरण की भी इस तारीख तक अनुमति है.
एमएसएमई और अन्य सरकारी एजेंसियों के लाभों का फायदा उठाने के लिए नए पंजीकरण की आवश्यकता है.
(आईएएनएस)