नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को नीति आयोग में विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. आगामी आम बजट को देखते हुये बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है.
बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.
ये भी पढ़ें- कुछ बेईमान, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई का मतलब यह नहीं कि सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है: मोदी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को नीति आयोग आएंगे."
सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है. ऐसे में यह बैठक अहम है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की. समझा जाता है कि बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी जिसमें देश की आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती होगी.
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है.
मोदी सरकार ने सितंबर 2019 में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती समेत कुछ अन्य उपायों की घोषणा की थी.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी उपाय सीधे तौर पर उपभोक्ता मांग में आई कमी को दूर करने में नाकाम रहा. अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए उपभोक्ता मांग बढ़ाना अहम है.
अर्थव्यवस्था पर चर्चा: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे 9 जनवरी को नीति आयोग में विशेषज्ञों के साथ बैठक
बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को नीति आयोग में विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. आगामी आम बजट को देखते हुये बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है.
बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को नीति आयोग आएंगे."
सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है. ऐसे में यह बैठक अहम है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की. समझा जाता है कि बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी जिसमें देश की आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती होगी.
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है.
मोदी सरकार ने सितंबर 2019 में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती समेत कुछ अन्य उपायों की घोषणा की थी.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी उपाय सीधे तौर पर उपभोक्ता मांग में आई कमी को दूर करने में नाकाम रहा. अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए उपभोक्ता मांग बढ़ाना अहम है.
अर्थव्यवस्था पर चर्चा: प्रधानमंत्री मोदी नीति आयोग में विशेषज्ञों के साथ करेंगे बैठक
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को नीति आयोग में विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. आगामी आम बजट को देखते हुये बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है.
बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार , मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को नीति आयोग आएंगे."
सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है. ऐसे में यह बैठक अहम है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की. समझा जाता है कि बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी जिसमें देश की आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती होगी.
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है.
मोदी सरकार ने सितंबर 2019 में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती समेत कुछ अन्य उपायों की घोषणा की थी.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी उपाय सीधे तौर पर उपभोक्ता मांग में आई कमी को दूर करने में नाकाम रहा. अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए उपभोक्ता मांग बढ़ाना अहम है.
Conclusion: