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जूट यूनियनों की हड़ताल 15 मार्च तक टली

पश्चिम बंगाल के जूट क्षेत्र की ट्रेड यूनियनों ने एक मार्च से दो सप्ताह की प्रस्तावित हड़ताल को टाल दिया है. राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर गौर करने और गतिरोध को खत्म करने के लिए थोड़े और समय की मांग की है.

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Published : Feb 27, 2019, 10:34 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मोलय घटक की उपस्थिति में मंगलवार को एक त्रिपक्षीय बैठक में 21 ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया. बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के नेता अनादि साहू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि श्रम मंत्री मोलय घटक यूनियनों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह कर रहे थे. साहू ने कहा, "सरकार के साथ बातचीत में कुछ प्रगति हुई है. हमने दो सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित करने का संकल्प लिया है."

भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस को छोड़कर, इस क्षेत्र की सभी ट्रेड यूनियनें अपनी मांगों के लिए हड़ताल में शामिल होने के लिए सहमत हुई हैं, जिसमें उनकी वेतन संशोधन और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू करने की मांग की जा रही है. जूट उद्योग राज्य में 60 से अधिक मिलों में दो लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने 17 जनवरी को 70 रुपये की अंतरिम राहत देने का फैसला किया था और जब तक कि एक नया वेतन समझौता अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तब तक श्रमिकों का वेतन 327 रुपये प्रतिदिन करने के लिए कहा था. भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के सूत्रों ने पहले कहा था कि जूट मिलें प्रति दिन 327 रुपये के संशोधित वेतन से अधिक का भुगतान नहीं कर सकेंगी.
(भाषा)
पढ़ें : निफ्टी 50 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की जगह लेगी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मोलय घटक की उपस्थिति में मंगलवार को एक त्रिपक्षीय बैठक में 21 ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया. बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के नेता अनादि साहू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि श्रम मंत्री मोलय घटक यूनियनों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह कर रहे थे. साहू ने कहा, "सरकार के साथ बातचीत में कुछ प्रगति हुई है. हमने दो सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित करने का संकल्प लिया है."

भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस को छोड़कर, इस क्षेत्र की सभी ट्रेड यूनियनें अपनी मांगों के लिए हड़ताल में शामिल होने के लिए सहमत हुई हैं, जिसमें उनकी वेतन संशोधन और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू करने की मांग की जा रही है. जूट उद्योग राज्य में 60 से अधिक मिलों में दो लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने 17 जनवरी को 70 रुपये की अंतरिम राहत देने का फैसला किया था और जब तक कि एक नया वेतन समझौता अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तब तक श्रमिकों का वेतन 327 रुपये प्रतिदिन करने के लिए कहा था. भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के सूत्रों ने पहले कहा था कि जूट मिलें प्रति दिन 327 रुपये के संशोधित वेतन से अधिक का भुगतान नहीं कर सकेंगी.
(भाषा)
पढ़ें : निफ्टी 50 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की जगह लेगी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज

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पश्चिम बंगाल के जूट क्षेत्र की ट्रेड यूनियनों ने एक मार्च से दो सप्ताह की प्रस्तावित हड़ताल को टाल दिया है. राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर गौर करने और गतिरोध को खत्म करने के लिए थोड़े और समय की मांग की है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मोलय घटक की उपस्थिति में मंगलवार को एक त्रिपक्षीय बैठक में 21 ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया. बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के नेता अनादि साहू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि श्रम मंत्री मोलय घटक यूनियनों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह कर रहे थे. साहू ने कहा, "सरकार के साथ बातचीत में कुछ प्रगति हुई है. हमने दो सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित करने का संकल्प लिया है."

 भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस को छोड़कर, इस क्षेत्र की सभी ट्रेड यूनियनें अपनी मांगों के लिए हड़ताल में शामिल होने के लिए सहमत हुई हैं, जिसमें उनकी वेतन संशोधन और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू करने की मांग की जा रही है. जूट उद्योग राज्य में 60 से अधिक मिलों में दो लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने 17 जनवरी को 70 रुपये की अंतरिम राहत देने का फैसला किया था और जब तक कि एक नया वेतन समझौता अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तब तक श्रमिकों का वेतन 327 रुपये प्रतिदिन करने के लिए कहा था. भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के सूत्रों ने पहले कहा था कि जूट मिलें प्रति दिन 327 रुपये के संशोधित वेतन से अधिक का भुगतान नहीं कर सकेंगी.


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