नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुये बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने मंगलवार को स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनियों को 'कोरोना कवच' को समूह स्वाथ्य बीमा योजना पॉलिसी के रूप में भी पेश करने की अनुमति दी.
बीमा नियामक का मानना है कि इससे सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों और अन्य कारोबारी इकाइयों को अपने कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिये बीमा कवर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
बीमा कंपनियों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के बीच 10 जुलाई को शुरू की गई अल्पकालिक व्यक्तिगत कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को लोगों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. सभी 30 साधारण बीमा कंपनियों ने अल्पकाल के लिये दी जानी वाली यह पॉलिसी की पेशकश की है.
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक सकुर्लर में कहा है कि इस मामले में मानक समूह बीमा पॉलिसी भी विभिन्न निजी और सार्वजनिक प्रतिष्ठानां के लिये काफी उपयोगी साबित होगी. इससे कंपनियों अपने कर्मचारियों को कोविड- 19 से संबंधित चिकित्सा जरूरतों को कवर कर सकेंगे.
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इस प्रकार की समूह बीमा पॉलिसी कोरोना वायरस के खिला आगे रहकर लड़ाई लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये भी काफी उपयोगी साबित होगी. समाज की कारोना के खिलाफ लड़ाई में इन लोगों के योगदान को सम्मान देते हुये उन्हें पांच प्रतिशत की छूट भी दी जायेगी.
अल्पकालिक कोरोना कवच पॉलिसी को साढे तीन माह, साढे छह माह और साढे नौ माह के लिये जारी किया जा सकता है. इसमें बीमा राशि 50 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक रखी गई है. समूह बीमा के लिये भी सभी शर्तें और नियम वही होंगे जो कि व्यक्तिगत कोरोना कवच पॉलिसी के लिये रखे गये हैं.
(पीटीआई-भाषा)