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मार्च के अंत तक पी नोट्स के जरिये निवेश बढ़कर 78,110 करोड़ रुपये पर

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश तो करना चाहते हैं, लेकिन अपना पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं. पी-नोट्स छानबीन की प्रक्रिया के बाद जारी किए जाते

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Published : Apr 17, 2019, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजारों में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश मार्च के अंत तक बढ़कर 78,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. सकारात्मक बाजार धारणा के बीच पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है.

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश तो करना चाहते हैं, लेकिन अपना पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं. पी-नोट्स छानबीन की प्रक्रिया के बाद जारी किए जाते हैं.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च के अंत तक पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजारों (शेयर, बांड और डेरिवेटिव्स) में निवेश 78,110 करोड़ रुपये रहा. फरवरी के अंत तक यह आंकड़ा 73,428 करोड़ रुपये था.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "पी-नोट्स के जरिये निवेश नकद खंड में एफपीआई के प्रवाह में वृद्धि के अनुरूप है. यह फरवरी में 13,500 करोड़ रुपये था, जो मार्च में बढ़कर 32,000 करोड़ रुपये हो गया."
ये भी पढ़ें : बैंकों का मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स को परिसमाप्त करने का निर्णय

नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजारों में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश मार्च के अंत तक बढ़कर 78,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. सकारात्मक बाजार धारणा के बीच पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है.

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश तो करना चाहते हैं, लेकिन अपना पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं. पी-नोट्स छानबीन की प्रक्रिया के बाद जारी किए जाते हैं.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च के अंत तक पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजारों (शेयर, बांड और डेरिवेटिव्स) में निवेश 78,110 करोड़ रुपये रहा. फरवरी के अंत तक यह आंकड़ा 73,428 करोड़ रुपये था.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "पी-नोट्स के जरिये निवेश नकद खंड में एफपीआई के प्रवाह में वृद्धि के अनुरूप है. यह फरवरी में 13,500 करोड़ रुपये था, जो मार्च में बढ़कर 32,000 करोड़ रुपये हो गया."
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नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजारों में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश मार्च के अंत तक बढ़कर 78,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. सकारात्मक बाजार धारणा के बीच पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है.

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश तो करना चाहते हैं, लेकिन अपना पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं. पी-नोट्स छानबीन की प्रक्रिया के बाद जारी किए जाते हैं.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च के अंत तक पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजारों (शेयर, बांड और डेरिवेटिव्स) में निवेश 78,110 करोड़ रुपये रहा. फरवरी के अंत तक यह आंकड़ा 73,428 करोड़ रुपये था.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "पी-नोट्स के जरिये निवेश नकद खंड में एफपीआई के प्रवाह में वृद्धि के अनुरूप है. यह फरवरी में 13,500 करोड़ रुपये था, जो मार्च में बढ़कर 32,000 करोड़ रुपये हो गया."

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