वॉशिंगटन: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने पिछले दशक में निवेश में भारी गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा कि देश को पांच साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निवेश काफी अहम है.
सुब्रमण्यम इंडियन स्कूल बिजनेस (आईएसबी) के पूर्व छात्रों के कार्यालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में "भारत कैसे पांच साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा?" इस सवाल का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने जवाब में कहा कि देश में निवेश को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करके यह किया जा सकता है.
एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सुब्रमण्यम ने कहा, "निवेश 2008 में जीडीपी के 40 प्रतिशत पर था, जो 2018 में गिरकर 29 प्रतिशत पर रह गया. यह तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक आंकड़े हैं"
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उन्होंने कहा कि देश को बाजार-समर्थक और व्यापार-समर्थक अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतर करने की जरूरत है. सुब्रमण्यम से जब स्थानीय व्यवसायों की रक्षा के राष्ट्रवादी एजेंडे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि वैश्वीकरण घरेलू व्यवसायों की उत्पादकता और प्रदर्शन में सुधार लाने में महत्वपूर्ण होगा.
उन्होंने जोर दिया, "उदारीकरण को करीब 30 साल हो चुके हैं, हमें जरूरत है कि आज व्यवसाय 30 साल के व्यस्क की तरह व्यवहार करें."
सुब्रमण्यम ने कहा कि व्यापार युद्ध, वैश्विक व्यापार तंत्र में भारत की स्थिति को मजबूत कर सकता है.
उन्होंने कहा, "मौजूदा समय में वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत है. एक देश के रूप में हमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने की जरूरत है. कंपनियों को ज्यादा उत्पादक बनाकर, व्यापार बाधाओं को दूर करके और व्यापार श्रृंखला में अंतर की पहचान करके हम ऐसा कर सकते हैं."