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देश में सुस्त पड़ी फैक्टरी उत्पादन की रफ्तार, आईआईपी दर 21 माह के निचले स्तर 0.1% पर - IIP

इस साल मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.

औद्योगिक वृद्धि दर मार्च में घटकर 0.1 प्रतिशत रही
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Published : May 10, 2019, 7:19 PM IST

Updated : May 10, 2019, 8:44 PM IST

नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र की गति सुस्त रहने की वजह से इस साल मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2018 में औद्योगिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत थी. विनिर्माण ,खनन और बिजली जैसे तमाम उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर औद्योगिक वृद्धि की गणना की जाती है.

ये भी पढ़ें- एयर इंडिया तीन घंटे पहले टिकट बुक करने पर दे रही है भारी छूट

आईआईपी में इससे पहले जून 2017 में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.

विनिर्माण ,खनन और बिजली जैसे तमाम उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर औद्योगिक वृद्धि की गणना की जाती है.

आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में औद्योगिक वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही. यह पिछले तीन साल में सबसे कम है. वित्त वर्ष में 2017-18 में औद्योगिक उत्पादन सालाना 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा था. वित्त वर्ष 2016-17 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत पर थी. वहीं 2015-16 में यह आंकड़ा 3.3 फीसदी पर था.

इसी बीच फरवरी, 2019 की आईआईपी वृद्धि को संशोधित करके 0.07 प्रतिशत कर दिया गया था. इससे पहले प्रारंभिक रपट में यह वृद्धि 0.1 प्रतिशत बतायी गयी थी.

आलोच्य माह में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में पिछले साल मार्च की तुलना में 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. पिछले साल मार्च में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत पर थी. उल्लेखनीय है कि आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 77.63 प्रतिशत होता है.

पूंजीगत सामान बनाने वाले उद्योग क्षेत्र का उत्पादन सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत गिरा. पिछले साल मार्च में इस क्षेत्र में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. बिजली उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.2 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इस क्षेत्र में 5.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी थी.

इस बार मार्च में खनन क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले यह 3.1 प्रतिशत रही थी. उपयोग आधारित वर्गीकरण के आधार पर इस वर्ष मार्च में प्राथमिक वस्तु क्षेत्र का उत्पादन 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा. माध्यमिक वस्तुओं में 2.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. वहीं बुनियादी ढांचा एवं निर्माण क्षेत्र में काम आने वाली वस्तुओं का उत्पादन सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत बढ़ा.

आलोच्य माह में टिकाऊ उपभोक्ता सामान उद्योग का उत्पादन 5.1 प्रतिशत घटा जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता उद्योगों की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत सीमित रही.

नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र की गति सुस्त रहने की वजह से इस साल मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2018 में औद्योगिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत थी. विनिर्माण ,खनन और बिजली जैसे तमाम उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर औद्योगिक वृद्धि की गणना की जाती है.

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आईआईपी में इससे पहले जून 2017 में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.

विनिर्माण ,खनन और बिजली जैसे तमाम उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर औद्योगिक वृद्धि की गणना की जाती है.

आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में औद्योगिक वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही. यह पिछले तीन साल में सबसे कम है. वित्त वर्ष में 2017-18 में औद्योगिक उत्पादन सालाना 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा था. वित्त वर्ष 2016-17 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत पर थी. वहीं 2015-16 में यह आंकड़ा 3.3 फीसदी पर था.

इसी बीच फरवरी, 2019 की आईआईपी वृद्धि को संशोधित करके 0.07 प्रतिशत कर दिया गया था. इससे पहले प्रारंभिक रपट में यह वृद्धि 0.1 प्रतिशत बतायी गयी थी.

आलोच्य माह में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में पिछले साल मार्च की तुलना में 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. पिछले साल मार्च में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत पर थी. उल्लेखनीय है कि आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 77.63 प्रतिशत होता है.

पूंजीगत सामान बनाने वाले उद्योग क्षेत्र का उत्पादन सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत गिरा. पिछले साल मार्च में इस क्षेत्र में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. बिजली उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.2 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इस क्षेत्र में 5.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी थी.

इस बार मार्च में खनन क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले यह 3.1 प्रतिशत रही थी. उपयोग आधारित वर्गीकरण के आधार पर इस वर्ष मार्च में प्राथमिक वस्तु क्षेत्र का उत्पादन 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा. माध्यमिक वस्तुओं में 2.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. वहीं बुनियादी ढांचा एवं निर्माण क्षेत्र में काम आने वाली वस्तुओं का उत्पादन सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत बढ़ा.

आलोच्य माह में टिकाऊ उपभोक्ता सामान उद्योग का उत्पादन 5.1 प्रतिशत घटा जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता उद्योगों की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत सीमित रही.

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औद्योगिक वृद्धि दर मार्च में घटकर 0.1 प्रतिशत रही

नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र की गति सुस्त रहने की वजह से इस साल मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2018 में औद्योगिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत थी. विनिर्माण ,खनन और बिजली जैसे तमाम उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर औद्योगिक वृद्धि की गणना की जाती है. 

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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में औद्योगिक वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष में 2017-18 में यह आंकड़ा 4.4 प्रतिशत पर था.


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Last Updated : May 10, 2019, 8:44 PM IST
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