हैदराबाद: रोजगार के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत की खबर है. कोरोना संकट के बीच बेरोजगारी में कमी के आंकड़े सामने आए हैं. आर्थिक थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार जुलाई 2020 में भारत की बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत तक गिर गई है. जबकि फरवरी 2020 में 7.8 प्रतिशत थी.
हैरानी की बात है कि उत्तर प्रदेश कोरोना से पहले की भी बेहतर स्थिति में पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में फरवरी में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत थी जो जुलाई में घटकर 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
महाराष्ट्र में बेरोजगारी दर भी जुलाई में गिरकर 4.4 प्रतिशत हो गई है, जो फरवरी में 4.7 प्रतिशत थी. राज्य कोरोनो वायरस मामलों की कुल संख्या के मामले में सबसे अधिक प्रभावित हुआ था.
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अन्य प्रमुख राज्यों में गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, केरल, राजस्थान और ओडिशा ने भी दी गई अवधि के दौरान उनकी बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
हालांकि, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोनो वायरस मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण यहां रोजगार के आंकड़ें उतने बेहतर नहीं है जितने वे फरवरी 2020 में थे.
सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु जिसने जुलाई के अंत तक देश में कोरोनो वायरस मामलों की दूसरी सबसे अधिक संख्या देखी है ने फरवरी में 2.1 प्रतिशत की तुलना में जुलाई में बेरोजगारी दर 8.1 प्रतिशत दर्ज की.
तीसरे सबसे अधिक प्रभावित राज्य आंध्र प्रदेश में भी बेरोजगारी दर जुलाई में बढ़कर 8.3 प्रतिशत हो गई जो फरवरी में 5.8 प्रतिशत थी. राज्य में वायरस के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित करने के बावजूद दिल्ली की बेरोजगारी दर भी जुलाई में घटकर जुलाई में 14.8 प्रतिशत हो गई.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के कारण मार्च 2020 में बेरोजगारी की दर 8.8 प्रतिशत आंकी गई थी. अप्रैल और मई में यह दर 23.5 प्रतिशत हो गई.
अनलॉक होते ही जून में बेरोजगारी दर का आंकड़ा गिरकर 11 प्रतिशत पर आ गया था.
यह आंकड़ा जून में 11.0 पर पहुंच गया, जो कि 1.0 दिशानिर्देशों को अनलॉक करता है, जो अर्थव्यवस्था को आंशिक रूप से खोलने की अनुमति देता है.
भारत ने मार्च 2020 में बेरोजगारी दर 8.7 प्रतिशत दर्ज की थी. जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च 2020 से एक राष्ट्रीय तालाबंदी शुरू करने की घोषणा की थी. इसके के बाद नौकरी छूटने की आशंका के चलते कई लोग अपने-अपने गृह राज्यों में वापस चले गए थे.
इसके बाद सीएमआईई के आंकड़ों ने दिखाया कि अप्रैल और मई में भारत की बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत थी जो जून में थोड़ा कम होकर 11.5 प्रतिशत पर आ गई थी.
(ईटीवी भारत रिपोर्ट)