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इस साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: रिपोर्ट - GDP

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.

इस साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: रिपोर्ट
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Published : Jun 3, 2019, 9:24 PM IST

नई दिल्ली: भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आईएचएस मार्किट की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की जीत पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है. 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर सात प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है.

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रिपोर्ट कहती है कि 2019 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा. भारत इस तरह से ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा. इसी प्रकार 2025 तक भारत का जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा. ऐसे में भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा. वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा. भारत एशिया प्रशांत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन होगा. एशियाई क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के प्रवाह में भारत का प्रमुख योगदान होगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अभी 18 प्रतिशत है जबकि लक्ष्य 25 प्रतिशत का है. अगले दो दशक के दौरान भारतीय श्रमबल में हर साल औसत 75 लाख लोग जुड़ेंगे. आईएचएस ने कहा कि इससे मोदी सरकार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों दोनों में रोजगार सृजन के लिए दबाव रहेगा.

नई दिल्ली: भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आईएचएस मार्किट की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की जीत पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है. 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर सात प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है.

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रिपोर्ट कहती है कि 2019 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा. भारत इस तरह से ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा. इसी प्रकार 2025 तक भारत का जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा. ऐसे में भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा. वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा. भारत एशिया प्रशांत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन होगा. एशियाई क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के प्रवाह में भारत का प्रमुख योगदान होगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अभी 18 प्रतिशत है जबकि लक्ष्य 25 प्रतिशत का है. अगले दो दशक के दौरान भारतीय श्रमबल में हर साल औसत 75 लाख लोग जुड़ेंगे. आईएचएस ने कहा कि इससे मोदी सरकार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों दोनों में रोजगार सृजन के लिए दबाव रहेगा.

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नई दिल्ली: भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आईएचएस मार्किट की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की जीत पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है. 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर सात प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है. 

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रिपोर्ट कहती है कि 2019 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा. भारत इस तरह से ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा. इसी प्रकार 2025 तक भारत का जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा. ऐसे में भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.    

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा. वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा. भारत एशिया प्रशांत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन होगा. एशियाई क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के प्रवाह में भारत का प्रमुख योगदान होगा. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अभी 18 प्रतिशत है जबकि लक्ष्य 25 प्रतिशत का है. अगले दो दशक के दौरान भारतीय श्रमबल में हर साल औसत 75 लाख लोग जुड़ेंगे. आईएचएस ने कहा कि इससे मोदी सरकार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों दोनों में रोजगार सृजन के लिए दबाव रहेगा.


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