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भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच यहां 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की बातचीत हुई. इसके बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से आपसी भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में मिल कर काम करते रहने पर सहमति जतायी है.

भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य
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Published : Sep 4, 2019, 9:54 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:25 AM IST

व्लादिवोस्तोक: भारत और रूस ने आपसी औद्योगिक सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. बुधवार को दोनों देशों ने नयी प्रौद्योगिकी के विकास और उन्नत तकनीक के लिए निवेश साझेदारी की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच यहां 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की बातचीत हुई. इसके बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से आपसी भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में मिल कर काम करते रहने पर सहमति जतायी है.

मोदी यहां पुतिन के निमंत्रण पर 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए हैं. मोदी ने पांचवे पूर्वी आर्थिक मंच सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर भी शिरकत की.

ये भी पढ़ें- दुनियाभर में गंभीर मंदी की आहटः ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक दशक के सबसे निचले स्तर पर

संयुक्त बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार में मजबूत वृद्धि पर संतोष जताया. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत-रूस का द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 8.2 अरब डॉलर था.

बयान के अनुसार 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोनों नेताओं ने मानव एवं अन्य अच्छे संसाधनों में भारत और रूस की क्षमता का उपयोग करने, औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने, नयी प्रौद्योगिकियां बनाने और निवेश साझेदारी करने के लिए सक्रियता से मिलकर काम करने पर जोर दिया. इसके अलावा दोनों देश सहयोग के नए तरीकों और क्षेत्रों को खोजेंगे .

दोनों देशों ने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में रूसी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने और भारतीय कंपनियों के रूस में निवेश परियोजनाएं लगाने पर सहमति बनायी. इसके लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौतों और निवेश की साझा सुरक्षा को तेज करने पर सहमति बनी. साथ ही दोनों देश अपनी व्यापार बाधाओं को भी दूर करेंगे.

यूरेशियाई आर्थिक संघ और भारत के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं भारत आर्कटिक परिषद में अहम भूमिका निभाने और रूस भारत में में बड़ी अवसंरचना एवं अन्य परियोजना लगाने पर तैयार हुआ है.

दोनों के बीच रूस के पूर्वी छोर से भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति करने पर भी सहमति बनी है.

मोदी यहां दो दिन की यात्रा पर बुधवार को पहुंचे. रूस के पूर्वी छोर क्षेत्र की यात्रा करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.

व्लादिवोस्तोक: भारत और रूस ने आपसी औद्योगिक सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. बुधवार को दोनों देशों ने नयी प्रौद्योगिकी के विकास और उन्नत तकनीक के लिए निवेश साझेदारी की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच यहां 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की बातचीत हुई. इसके बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से आपसी भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में मिल कर काम करते रहने पर सहमति जतायी है.

मोदी यहां पुतिन के निमंत्रण पर 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए हैं. मोदी ने पांचवे पूर्वी आर्थिक मंच सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर भी शिरकत की.

ये भी पढ़ें- दुनियाभर में गंभीर मंदी की आहटः ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक दशक के सबसे निचले स्तर पर

संयुक्त बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार में मजबूत वृद्धि पर संतोष जताया. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत-रूस का द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 8.2 अरब डॉलर था.

बयान के अनुसार 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोनों नेताओं ने मानव एवं अन्य अच्छे संसाधनों में भारत और रूस की क्षमता का उपयोग करने, औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने, नयी प्रौद्योगिकियां बनाने और निवेश साझेदारी करने के लिए सक्रियता से मिलकर काम करने पर जोर दिया. इसके अलावा दोनों देश सहयोग के नए तरीकों और क्षेत्रों को खोजेंगे .

दोनों देशों ने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में रूसी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने और भारतीय कंपनियों के रूस में निवेश परियोजनाएं लगाने पर सहमति बनायी. इसके लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौतों और निवेश की साझा सुरक्षा को तेज करने पर सहमति बनी. साथ ही दोनों देश अपनी व्यापार बाधाओं को भी दूर करेंगे.

यूरेशियाई आर्थिक संघ और भारत के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं भारत आर्कटिक परिषद में अहम भूमिका निभाने और रूस भारत में में बड़ी अवसंरचना एवं अन्य परियोजना लगाने पर तैयार हुआ है.

दोनों के बीच रूस के पूर्वी छोर से भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति करने पर भी सहमति बनी है.

मोदी यहां दो दिन की यात्रा पर बुधवार को पहुंचे. रूस के पूर्वी छोर क्षेत्र की यात्रा करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.

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भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य

व्लादिवोस्तोक: भारत और रूस ने आपसी औद्योगिक सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 30 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. बुधवार को दोनों देशों ने नयी प्रौद्योगिकी के विकास और उन्नत तकनीक के लिए निवेश साझेदारी की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच यहां 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की बातचीत हुई. इसके बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से आपसी भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में मिल कर काम करते रहने पर सहमति जतायी है. 

मोदी यहां पुतिन के निमंत्रण पर 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए हैं. मोदी ने पांचवे पूर्वी आर्थिक मंच सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर भी शिरकत की.

संयुक्त बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार में मजबूत वृद्धि पर संतोष जताया. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत-रूस का द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 8.2 अरब डॉलर था.

बयान के अनुसार 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोनों नेताओं ने मानव एवं अन्य अच्छे संसाधनों में भारत और रूस की क्षमता का उपयोग करने, औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने, नयी प्रौद्योगिकियां बनाने और निवेश साझेदारी करने के लिए सक्रियता से मिलकर काम करने पर जोर दिया. इसके अलावा दोनों देश सहयोग के नए तरीकों और क्षेत्रों को खोजेंगे .

दोनों देशों ने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में रूसी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने और भारतीय कंपनियों के रूस में निवेश परियोजनाएं लगाने पर सहमति बनायी. इसके लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौतों और निवेश की साझा सुरक्षा को तेज करने पर सहमति बनी. साथ ही दोनों देश अपनी व्यापार बाधाओं को भी दूर करेंगे.

यूरेशियाई आर्थिक संघ और भारत के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं भारत आर्कटिक परिषद में अहम भूमिका निभाने और रूस भारत में में बड़ी अवसंरचना एवं अन्य परियोजना लगाने पर तैयार हुआ है.

दोनों के बीच रूस के पूर्वी छोर से भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति करने पर भी सहमति बनी है.

मोदी यहां दो दिन की यात्रा पर बुधवार को पहुंचे. रूस के पूर्वी छोर क्षेत्र की यात्रा करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.

 


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Last Updated : Sep 29, 2019, 11:25 AM IST
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