नई दिल्ली: भारतीय पेशेवरों की वेतनवृद्धि पर इस साल कोविड-19 का झटका लग सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय पेशेवरों की वेतनवृद्धि यदि होती भी है, तो यह बेहद मामूली होगी.
इसके अलावा कुछ कंपनियां वेतन में बिल्कुल बढ़ोतरी नहीं करेंगी, जबकि कुछ अन्य तो कर्मचारियों के वेतन में कटौती करेंगी. हालांकि, विशेष दक्षता वाले कर्मचारियों के वेतन में 15 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि हो सकती है.
टीमलीज की नौकरियों और वेतन पर प्राइमर रिपोर्ट-2020 में कहा गया है कि इस महामारी से न केवल रोजगार प्रभावित हुआ है, बल्कि इससे भारतीय उद्योग जगत द्वारा अपने कर्मचारियों को पुरस्कृत करने का तरीका भी बदला है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों और शहरों में नियोक्ता अत्यधिक दक्षता रखने वाले कर्मचारियों को 15 प्रतिशत से अधिक की वेतनवृद्धि दे रहे हैं. विभिन्न क्षेत्रों और शहरों में वेतनवृद्धि 4.26 प्रतिशत (न्यूनतम) से 11.22 प्रतिशत (अधिकतम) रही है.
टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, "कंपनियां कर्मचारियों को वेतन वृद्धि देने से कतरा रही हैं, लेकिन इसके साथ ही विशेष दक्षता वाले कर्मचारियों को 'पुरस्कृत' कर ही हैं. वास्तव में महामारी की वजह से विशेष दक्षता वाले कर्मचारियों की मांग बढ़ी है."
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विश्लेषण के अनुसार इस साल बीएफएसआई में हैडूप डेवलपर्स (आंकड़ों के रखरखाव से जुड़े), शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने वाले एनिमेटर्स, उद्योग विनिर्माण में संग्रह अधिकारियों तथा सूचना प्रौद्योगिकी और ज्ञान सेवाओं में डिजिटल मार्केटिंग प्रमुखों के वेतन में बढ़ोतरी होगी.
टीमलीज की यह रिपोर्ट विभिन्न उद्योगों में नियुक्ति और वेतन के रुख के बारे में बताती है. ताजा रिपोर्ट में नौ शहरों के 17 क्षेत्रों के 2,52,000 से अधिक पेशेवरों का वेतन का विश्लेषण किया गया है.
(पीटीआई-भाषा)