नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को व्यापार और उद्योग जगत को वित्त वर्ष 2017-18 में आयातित वस्तुओं पर दिये गये जीएसटी के संदर्भ में जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में आश्वस्त किया कि भले ही करदाताओं ने उसी वित्त वर्ष में उसका दावा नहीं किया हो लेकिन वह समाप्त नहीं होगा.
मंत्रालय ने व्यापार और उद्योग जगत की तरफ से माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के पहले साल (2017-18) के सालाना रिटर्न भरे जाने के संदर्भ में जतायी गयी चिंता को दूर करते हुये कई बातों को स्पष्ट किया.
मंत्रालय ने करदाताओं को यह भी सलाह दी कि वे कर भुगतान और अन्य ब्योरे के बारे में सही आंकड़े दें जैसा कि मासिक बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-9 में दिया गया.
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मंत्रालय ने कहा कि कई करदाताओं ने इस बात पर चिंता जतायी कि सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9 करदाताओं को 2017-18 में आयात पर भुगतान किये गये आईजीएसटी के ब्योरे को रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता लेकिन उसके लिये क्रेडिट 2018-19 में लिया गया.
इसमें कहा गया है, "इसके कारण इस बात की आशंका है कि जो क्रेडिट अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच लिये गये लेकिन उसे सालाना रिटर्न में नहीं दिखाया गया, तो वह समाप्त हो सकता है. इसके लिये करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच आयातित वस्तुओं पर लिया गया अपना पूरा क्रेडिट फार्म जीएसटीआर-9 की सारणी 6 (ई) में भरें."
मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए आगे कहा कि कई करदाताओं ने अपने बही-खातों या रिटर्न में स्वत: निकलने वाले आंकड़े तथा वास्तविक रूप से डाले गये आंकड़ों में मिलान नहीं होने की बात कही है.
मंत्रालय ने कहा, "स्वत: आने वाले आंकड़े करदाताओं को उनकी सुविधा के लिये उपलब्ध कराये जाते हैं, करदाता वित्त वर्ष के दौरान भरे गये अपने रिटर्न या अपने बही खातों के अनुसार ही रिपोर्ट करें."
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई 2017 से लागू हुआ. इसमें एक दर्जन से अधिक स्थानीय करों को समाहित किया गया. जीएसटी क्रियान्वयन के पहले साल के लिये सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 करदाताओं को 30 जून 2019 तक भरना है.
मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को जीएसटी के तहत सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर 9सी अधिसूचित किये.
जीएसटीआर-9 फार्म सामान्य करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न भरने के लिये है. जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना (कंपोजिशन) के अंतर्गत आने वाले करदाताओं तथा जीएसटीआर-9सी मिलान के ब्योरे के लिये है.
मंत्रालय ने सभी जीएसटी करदाताओं से आग्रह किया है कि वह आखिरी समय की भीड़ से बचने के लिये अपने सालाना रिटर्न फार्म (फार्म जीएसटीआर-9) को जल्द से जल्द भर लें.
आईजीएसटी क्रेडिट का लाभ उसी वित्त वर्ष में नहीं लेने पर भी खत्म नहीं होगा क्रेडिट: वित्त मंत्रालय
मंत्रालय ने व्यापार और उद्योग जगत की तरफ से माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के पहले साल (2017-18) के सालाना रिटर्न भरे जाने के संदर्भ में जतायी गयी चिंता को दूर करते हुये कई बातों को स्पष्ट किया.
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को व्यापार और उद्योग जगत को वित्त वर्ष 2017-18 में आयातित वस्तुओं पर दिये गये जीएसटी के संदर्भ में जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में आश्वस्त किया कि भले ही करदाताओं ने उसी वित्त वर्ष में उसका दावा नहीं किया हो लेकिन वह समाप्त नहीं होगा.
मंत्रालय ने व्यापार और उद्योग जगत की तरफ से माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के पहले साल (2017-18) के सालाना रिटर्न भरे जाने के संदर्भ में जतायी गयी चिंता को दूर करते हुये कई बातों को स्पष्ट किया.
मंत्रालय ने करदाताओं को यह भी सलाह दी कि वे कर भुगतान और अन्य ब्योरे के बारे में सही आंकड़े दें जैसा कि मासिक बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-9 में दिया गया.
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मंत्रालय ने कहा कि कई करदाताओं ने इस बात पर चिंता जतायी कि सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9 करदाताओं को 2017-18 में आयात पर भुगतान किये गये आईजीएसटी के ब्योरे को रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता लेकिन उसके लिये क्रेडिट 2018-19 में लिया गया.
इसमें कहा गया है, "इसके कारण इस बात की आशंका है कि जो क्रेडिट अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच लिये गये लेकिन उसे सालाना रिटर्न में नहीं दिखाया गया, तो वह समाप्त हो सकता है. इसके लिये करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच आयातित वस्तुओं पर लिया गया अपना पूरा क्रेडिट फार्म जीएसटीआर-9 की सारणी 6 (ई) में भरें."
मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए आगे कहा कि कई करदाताओं ने अपने बही-खातों या रिटर्न में स्वत: निकलने वाले आंकड़े तथा वास्तविक रूप से डाले गये आंकड़ों में मिलान नहीं होने की बात कही है.
मंत्रालय ने कहा, "स्वत: आने वाले आंकड़े करदाताओं को उनकी सुविधा के लिये उपलब्ध कराये जाते हैं, करदाता वित्त वर्ष के दौरान भरे गये अपने रिटर्न या अपने बही खातों के अनुसार ही रिपोर्ट करें."
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई 2017 से लागू हुआ. इसमें एक दर्जन से अधिक स्थानीय करों को समाहित किया गया. जीएसटी क्रियान्वयन के पहले साल के लिये सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 करदाताओं को 30 जून 2019 तक भरना है.
मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को जीएसटी के तहत सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर 9सी अधिसूचित किये.
जीएसटीआर-9 फार्म सामान्य करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न भरने के लिये है. जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना (कंपोजिशन) के अंतर्गत आने वाले करदाताओं तथा जीएसटीआर-9सी मिलान के ब्योरे के लिये है.
मंत्रालय ने सभी जीएसटी करदाताओं से आग्रह किया है कि वह आखिरी समय की भीड़ से बचने के लिये अपने सालाना रिटर्न फार्म (फार्म जीएसटीआर-9) को जल्द से जल्द भर लें.
आईजीएसटी क्रेडिट का लाभ उसी वित्त वर्ष में नहीं लेने पर भी खत्म नहीं होगा क्रेडिट: वित्त मंत्रालय
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को व्यापार और उद्योग जगत को वित्त वर्ष 2017-18 में आयातित वस्तुओं पर दिये गये जीएसटी के संदर्भ में जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में आश्वस्त किया कि भले ही करदाताओं ने उसी वित्त वर्ष में उसका दावा नहीं किया हो लेकिन वह समाप्त नहीं होगा.
मंत्रालय ने व्यापार और उद्योग जगत की तरफ से माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के पहले साल (2017-18) के सालाना रिटर्न भरे जाने के संदर्भ में जतायी गयी चिंता को दूर करते हुये कई बातों को स्पष्ट किया.
मंत्रालय ने करदाताओं को यह भी सलाह दी कि वे कर भुगतान और अन्य ब्योरे के बारे में सही आंकड़े दें जैसा कि मासिक बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-9 में दिया गया.
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मंत्रालय ने कहा कि कई करदाताओं ने इस बात पर चिंता जतायी कि सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9 करदाताओं को 2017-18 में आयात पर भुगतान किये गये आईजीएसटी के ब्योरे को रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता लेकिन उसके लिये क्रेडिट 2018-19 में लिया गया.
इसमें कहा गया है, "इसके कारण इस बात की आशंका है कि जो क्रेडिट अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच लिये गये लेकिन उसे सालाना रिटर्न में नहीं दिखाया गया, तो वह समाप्त हो सकता है. इसके लिये करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच आयातित वस्तुओं पर लिया गया अपना पूरा क्रेडिट फार्म जीएसटीआर-9 की सारणी 6 (ई) में भरें."
मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए आगे कहा कि कई करदाताओं ने अपने बही-खातों या रिटर्न में स्वत: निकलने वाले आंकड़े तथा वास्तविक रूप से डाले गये आंकड़ों में मिलान नहीं होने की बात कही है.
मंत्रालय ने कहा, "स्वत: आने वाले आंकड़े करदाताओं को उनकी सुविधा के लिये उपलब्ध कराये जाते हैं, करदाता वित्त वर्ष के दौरान भरे गये अपने रिटर्न या अपने बही खातों के अनुसार ही रिपोर्ट करें."
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई 2017 से लागू हुआ. इसमें एक दर्जन से अधिक स्थानीय करों को समाहित किया गया. जीएसटी क्रियान्वयन के पहले साल के लिये सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 करदाताओं को 30 जून 2019 तक भरना है.
मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को जीएसटी के तहत सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर 9सी अधिसूचित किये.
जीएसटीआर-9 फार्म सामान्य करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न भरने के लिये है. जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना (कंपोजिशन) के अंतर्गत आने वाले करदाताओं तथा जीएसटीआर-9सी मिलान के ब्योरे के लिये है.
मंत्रालय ने सभी जीएसटी करदाताओं से आग्रह किया है कि वह आखिरी समय की भीड़ से बचने के लिये अपने सालाना रिटर्न फार्म (फार्म जीएसटीआर-9) को जल्द से जल्द भर लें.
Conclusion: