ETV Bharat / business

आयकर विभाग ने 1.72 लाख करदाताओं को बकाया कर मामले में ई-मेल भेजा

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि उसने ई-मेल भेजकर उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है जिनकी कर वापसी होना है पर उन पर बकाया कर मांग भी है. कर विभाग ने यह भी कहा है कि इसे उत्पीड़न नहीं समझा जाना चहिए.

आयकर विभाग ने 1.72 लाख करदाताओं को बकाया कर मामले में ई-मेल भेजा
आयकर विभाग ने 1.72 लाख करदाताओं को बकाया कर मामले में ई-मेल भेजा
author img

By

Published : Apr 21, 2020, 6:41 PM IST

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने स्टार्टअप, कंपनियों और व्यक्तियों समेत 1.72 लाख करदाताओं को ई-मेल भेजकर बकाया कर मांग के बारे में जानकारी देने को कहा है. इन करदाताओं पर बकाया कर मांग के साथ-साथ कर रिफंड का दावा भी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबडीटी) आठ अप्रैल से करदाताओं को कोरोना महामारी की स्थिति में मदद के लिये तेजी से कर रिफंड कर रहा है.

उसने अबतक 14 लाख विभिन्न करदाताओं को 9,000 करोड़ रुपये का रिफंड कर दिया है. इन करदाताओं में व्यक्तिगत करदाता, हिदु अविभाजित परिवार, कंपनियां, स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं.

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि उसने ई-मेल भेजकर उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है जिनकी कर वापसी होना है पर उन पर बकाया कर मांग भी है. कर विभाग ने यह भी कहा है कि इसे उत्पीड़न नहीं समझा जाना चहिए.

बयान के अनुसार, "विभाग ने करदाताओं को एक अवसर दिया है. वे कर मांग का भुगतान कर सकते हैं या उक्त मांग की स्थिति के बारे में सूचना दे सकते हैं. समान रूप से सभी को इस प्रकार के ई-मेल या पत्र देने का मकसद करदाताओं को यह सूचना देता होता है कि उन पर कर बकाया है. साथ ही उन्हें अवसर दिया जाता है कि या तो वे कर मांग का भुगतान कर दें या फिर अगर उन्होंने पहले जमा कर दिया है तो उसका ब्योरा दें अथवा स्थिति स्पष्ट करें."

सीबीडीटी ने कहा कि करदाताओं को लंबित मांग के बारे में जानकारी देनी है. उन्हें यह बताना है कि उसने संबंधित राशि का भुगतान कर दिया या अपीलीय/सक्षम प्राधिकरण ने उस पर रोक लगायी है ताकि विभाग उसे स्थगित कर दे और रिफंड राशि उसमें नहीं काटे.

ये भी पढ़ें: एनएसई ने साइबर जोखिम को देखते हुए ब्रोकरों को जूम एप के प्रति चेताया

विभाग के अनुसार इसका उद्देश्य यह है कि इस मामले में वास्तविक स्थिति का पता लगाकर उचित कदम उठाया जा सके और बिना किसी देरी के स्टार्टअप समेत करदाताओं को रिफंड किया जा सके. सीबीडीटी ने यह भी कहा कि इस प्रकार का ई-मेल सिर्फ एक आग्रह है ताकि संबंधित करदाताओं को कर वापसी और बकाया कर के समायोजन के बारे में ताजी जानकारी मिल सके. इसे वसूली का नोटिस या डराने जैसी बात बिल्कुल नहीं समझी जाए.

उसने कहा, "करदाताओं से जवाब नहीं मिलने के कारण कई कर वापसी लंबित पड़े हैं और सूचना मिलते ही उसे यथाशीघ्र जारी कर दिया जाएगा."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने स्टार्टअप, कंपनियों और व्यक्तियों समेत 1.72 लाख करदाताओं को ई-मेल भेजकर बकाया कर मांग के बारे में जानकारी देने को कहा है. इन करदाताओं पर बकाया कर मांग के साथ-साथ कर रिफंड का दावा भी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबडीटी) आठ अप्रैल से करदाताओं को कोरोना महामारी की स्थिति में मदद के लिये तेजी से कर रिफंड कर रहा है.

उसने अबतक 14 लाख विभिन्न करदाताओं को 9,000 करोड़ रुपये का रिफंड कर दिया है. इन करदाताओं में व्यक्तिगत करदाता, हिदु अविभाजित परिवार, कंपनियां, स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं.

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि उसने ई-मेल भेजकर उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है जिनकी कर वापसी होना है पर उन पर बकाया कर मांग भी है. कर विभाग ने यह भी कहा है कि इसे उत्पीड़न नहीं समझा जाना चहिए.

बयान के अनुसार, "विभाग ने करदाताओं को एक अवसर दिया है. वे कर मांग का भुगतान कर सकते हैं या उक्त मांग की स्थिति के बारे में सूचना दे सकते हैं. समान रूप से सभी को इस प्रकार के ई-मेल या पत्र देने का मकसद करदाताओं को यह सूचना देता होता है कि उन पर कर बकाया है. साथ ही उन्हें अवसर दिया जाता है कि या तो वे कर मांग का भुगतान कर दें या फिर अगर उन्होंने पहले जमा कर दिया है तो उसका ब्योरा दें अथवा स्थिति स्पष्ट करें."

सीबीडीटी ने कहा कि करदाताओं को लंबित मांग के बारे में जानकारी देनी है. उन्हें यह बताना है कि उसने संबंधित राशि का भुगतान कर दिया या अपीलीय/सक्षम प्राधिकरण ने उस पर रोक लगायी है ताकि विभाग उसे स्थगित कर दे और रिफंड राशि उसमें नहीं काटे.

ये भी पढ़ें: एनएसई ने साइबर जोखिम को देखते हुए ब्रोकरों को जूम एप के प्रति चेताया

विभाग के अनुसार इसका उद्देश्य यह है कि इस मामले में वास्तविक स्थिति का पता लगाकर उचित कदम उठाया जा सके और बिना किसी देरी के स्टार्टअप समेत करदाताओं को रिफंड किया जा सके. सीबीडीटी ने यह भी कहा कि इस प्रकार का ई-मेल सिर्फ एक आग्रह है ताकि संबंधित करदाताओं को कर वापसी और बकाया कर के समायोजन के बारे में ताजी जानकारी मिल सके. इसे वसूली का नोटिस या डराने जैसी बात बिल्कुल नहीं समझी जाए.

उसने कहा, "करदाताओं से जवाब नहीं मिलने के कारण कई कर वापसी लंबित पड़े हैं और सूचना मिलते ही उसे यथाशीघ्र जारी कर दिया जाएगा."

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.