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देश के सहकारी बैंकों के लिए मिसाल बना हिमाचल का यह BANK, जानें खासियत

देशभर में को-ऑपरेटिव बैंक और संस्थाओं की वित्तीय स्थिति चरमरा गई है. वहीं, हिमाचल का बैंक सबके लिए मिसाल बन गया है. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बैंक अपनी ऋण योजनाओं का निर्धारण कर अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आगे आया है.

को-ऑपरेटिव बैंक
को-ऑपरेटिव बैंक
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Published : Aug 22, 2021, 6:40 AM IST

शिमला : वर्तमान समय में जहां देशभर में को-ऑपरेटिव बैंक और संस्थाओं की वित्तीय स्थिति चरमरा गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक पिछले तीन दशकों से प्रॉफिट अर्निंग बैंक के रूप में देश के अन्य सहकारी बैंकों के लिए मिसाल बनकर सामने आया है. आज के दौर में दुनिया भर के बैंकों के सामने एनपीए सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का एनपीए केवल 8.19 प्रतिशत है.

बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाहटा ने कहा कि इसको कम करने के लिए भी बैंक ने वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी निकाली है. जिसके तहत ब्याज दर में पचास से साठ फीसदी छूट देकर ऋण मामलों का निपटारा किया जाएगा.

मौके पर भुगतान करने पर ऋण धारकों को दस फीसदी की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी. बैंक प्रबंधन ने इस योजना के तहत 186 मामलों का निपटारा कर करीब 52 करोड़ रुपये वसूल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना में 20 लाख से लेकर 15 करोड़ तक के एनपीए अकाउंट को सेटल करने का प्लान है. योजना के तहत ऋण धारकों से मूल धन तो पूरा लिया जाएगा, लेकिन ब्याज सहित अन्य बैंक खर्चों में छूट देकर राहत दी जाएगी. इसके अलावा लोक अदालतों के माध्यम से भी अधिकतम 20 लाख तक के एनपीए अकाउंट को हल करने के लिये आवेदन मांगे हैं. इस योजना के तहत बैंक प्रबंधन को उम्मीद है कि करीब दो हजार मामलों का निपटारा हो सकेगा और 30 करोड़ तक कि बकाया राशि को अर्जित किया जा सकेगा.

पढ़ें : ईपीएफओ में जून में 12.83 लाख नये सदस्य शामिल हुए

राज्य सहकारी मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि बैंक का एनपीए और भी कम होता, लेकिन बिजली परियोजनाओं में बैंक का पैसा लगा है, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए हैं. इस कारण ही बैंक का एनपीए बढ़ रहा है. इन्हें इस योजना में लाना चाहिए. खुशी राम बालनाहटा ने कहा कि नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा बेस्ट परफॉर्मेंस मैनेजमेंट एंड को-ऑपरेटिव गवर्नेंस के लिए फर्स्ट प्राइज भी मिला है.

राज्य सहकारी बैंक के 15.56 लाख उपभोक्ता हैं. प्रदेश भर में बैंक की 218 ब्रांच और 23 एक्सटेंशन काउंटर हैं. प्रदेश भर में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए करीब 100 एटीएम भी लगाए गए हैं. बैंक अपने ग्राहकों को यूपीआई आधारित सुविधाएं भी देता है, जिसमें हिम पैसा मोबाइल बैंकिंग सबसे प्रसिद्ध है. बैंक में वर्तमान समय में करीब 1538 कर्मचारी हैं. बैंक की कुल वर्थ कैपिटल 15 हजार 951 करोड़ रुपये है. जिसमें जमा राशि 12 हजार 326 करोड़ रुपये है. इसके अलावा 7 हजार 81 करोड़ रुपये कर्ज है.

हिमाचल प्रदेश के सहकारी बैंकों ने कोरोना संकट के बीच प्रदेश में तीस हजार से अधिक लोगों को 450 करोड़ रुपये के ऋण दिए हैं. कोरोना काल में किसानों, बागवानों और छोटे कारोबारियों का कारोबार प्रभावित हुआ है. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बैंक को अपनी ऋण योजनाओं का निर्धारण कर अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आगे आया. राज्य सहकारिता बैंक ने कोरोना काल में लगभग 26,000 लोगों को ऋण आवंटन किया.

शिमला : वर्तमान समय में जहां देशभर में को-ऑपरेटिव बैंक और संस्थाओं की वित्तीय स्थिति चरमरा गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक पिछले तीन दशकों से प्रॉफिट अर्निंग बैंक के रूप में देश के अन्य सहकारी बैंकों के लिए मिसाल बनकर सामने आया है. आज के दौर में दुनिया भर के बैंकों के सामने एनपीए सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का एनपीए केवल 8.19 प्रतिशत है.

बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाहटा ने कहा कि इसको कम करने के लिए भी बैंक ने वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी निकाली है. जिसके तहत ब्याज दर में पचास से साठ फीसदी छूट देकर ऋण मामलों का निपटारा किया जाएगा.

मौके पर भुगतान करने पर ऋण धारकों को दस फीसदी की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी. बैंक प्रबंधन ने इस योजना के तहत 186 मामलों का निपटारा कर करीब 52 करोड़ रुपये वसूल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना में 20 लाख से लेकर 15 करोड़ तक के एनपीए अकाउंट को सेटल करने का प्लान है. योजना के तहत ऋण धारकों से मूल धन तो पूरा लिया जाएगा, लेकिन ब्याज सहित अन्य बैंक खर्चों में छूट देकर राहत दी जाएगी. इसके अलावा लोक अदालतों के माध्यम से भी अधिकतम 20 लाख तक के एनपीए अकाउंट को हल करने के लिये आवेदन मांगे हैं. इस योजना के तहत बैंक प्रबंधन को उम्मीद है कि करीब दो हजार मामलों का निपटारा हो सकेगा और 30 करोड़ तक कि बकाया राशि को अर्जित किया जा सकेगा.

पढ़ें : ईपीएफओ में जून में 12.83 लाख नये सदस्य शामिल हुए

राज्य सहकारी मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि बैंक का एनपीए और भी कम होता, लेकिन बिजली परियोजनाओं में बैंक का पैसा लगा है, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए हैं. इस कारण ही बैंक का एनपीए बढ़ रहा है. इन्हें इस योजना में लाना चाहिए. खुशी राम बालनाहटा ने कहा कि नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा बेस्ट परफॉर्मेंस मैनेजमेंट एंड को-ऑपरेटिव गवर्नेंस के लिए फर्स्ट प्राइज भी मिला है.

राज्य सहकारी बैंक के 15.56 लाख उपभोक्ता हैं. प्रदेश भर में बैंक की 218 ब्रांच और 23 एक्सटेंशन काउंटर हैं. प्रदेश भर में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए करीब 100 एटीएम भी लगाए गए हैं. बैंक अपने ग्राहकों को यूपीआई आधारित सुविधाएं भी देता है, जिसमें हिम पैसा मोबाइल बैंकिंग सबसे प्रसिद्ध है. बैंक में वर्तमान समय में करीब 1538 कर्मचारी हैं. बैंक की कुल वर्थ कैपिटल 15 हजार 951 करोड़ रुपये है. जिसमें जमा राशि 12 हजार 326 करोड़ रुपये है. इसके अलावा 7 हजार 81 करोड़ रुपये कर्ज है.

हिमाचल प्रदेश के सहकारी बैंकों ने कोरोना संकट के बीच प्रदेश में तीस हजार से अधिक लोगों को 450 करोड़ रुपये के ऋण दिए हैं. कोरोना काल में किसानों, बागवानों और छोटे कारोबारियों का कारोबार प्रभावित हुआ है. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बैंक को अपनी ऋण योजनाओं का निर्धारण कर अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आगे आया. राज्य सहकारिता बैंक ने कोरोना काल में लगभग 26,000 लोगों को ऋण आवंटन किया.

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