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कार, आभूषण खरीदना हो सकता है सस्ता, महंगे सामानों पर अलग से कटेगी जीएसटी - वस्तु और सेवा कर

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि जीएसटी देनदारी की गणना के समय स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) की राशि को उत्पाद के मूल्य से अलग रखा जाएगा. इससे महंगी कार और आभूषण खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी.

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Published : Mar 10, 2019, 6:41 PM IST

नई दिल्ली : आयकर अधिनियम के तहत, 10 लाख रुपये से ऊपर के वाहन, पांच लाख रुपये से अधिक के आभूषण और दो लाख रुपये से ज्यादा का सोना-चांदी खरीदने पर स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) एक प्रतिशत लगता है. अन्य चीजों की खरीद पर भी अलग-अलग दरों से टीसीएस लगता है. सीबीआईसी ने परिपत्र में कहा कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) देयता की गणना करते समय टीसीएस राशि को माल के मूल्य से अलग रखा जाएगा.

इससे पहले दिसंबर में बोर्ड ने कहा था कि आयकर अधिनियम के तहत जिन उत्पादों पर स्रोत पर कर वसूली लागू होती है उन पर जीएसटी की गणना के दौरान टीसीएस राशि को भी इसमें शामिल किया जाएगा. विभिन्न हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से बातचीत के बाद सीबीआईसी ने फैसला किया है कि जीएसटी लगाने के उद्देश्य से माल का मूल्यांकन करने के समय टीसीएस राशि को अलग रखा जाएगा.

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस माल पर कर नहीं है बल्कि विक्रेता की माल की बिक्री से होने वाली संभावित "आय" पर लगने वाला अंतरिम शुल्क है.
(भाषा)
पढ़ें : वित्तीय सुरक्षा के मामले में पुरुषों से काफी पीछे हैं महिलाएं: सर्वेक्षण

नई दिल्ली : आयकर अधिनियम के तहत, 10 लाख रुपये से ऊपर के वाहन, पांच लाख रुपये से अधिक के आभूषण और दो लाख रुपये से ज्यादा का सोना-चांदी खरीदने पर स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) एक प्रतिशत लगता है. अन्य चीजों की खरीद पर भी अलग-अलग दरों से टीसीएस लगता है. सीबीआईसी ने परिपत्र में कहा कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) देयता की गणना करते समय टीसीएस राशि को माल के मूल्य से अलग रखा जाएगा.

इससे पहले दिसंबर में बोर्ड ने कहा था कि आयकर अधिनियम के तहत जिन उत्पादों पर स्रोत पर कर वसूली लागू होती है उन पर जीएसटी की गणना के दौरान टीसीएस राशि को भी इसमें शामिल किया जाएगा. विभिन्न हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से बातचीत के बाद सीबीआईसी ने फैसला किया है कि जीएसटी लगाने के उद्देश्य से माल का मूल्यांकन करने के समय टीसीएस राशि को अलग रखा जाएगा.

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस माल पर कर नहीं है बल्कि विक्रेता की माल की बिक्री से होने वाली संभावित "आय" पर लगने वाला अंतरिम शुल्क है.
(भाषा)
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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि जीएसटी देनदारी की गणना के समय स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) की राशि को उत्पाद के मूल्य से अलग रखा जाएगा. इससे महंगी कार और आभूषण खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी.

नई दिल्ली : आयकर अधिनियम के तहत, 10 लाख रुपये से ऊपर के वाहन, पांच लाख रुपये से अधिक के आभूषण और दो लाख रुपये से ज्यादा का सोना-चांदी खरीदने पर स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) एक प्रतिशत लगता है. अन्य चीजों की खरीद पर भी अलग-अलग दरों से टीसीएस लगता है. सीबीआईसी ने परिपत्र में कहा कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) देयता की गणना करते समय टीसीएस राशि को माल के मूल्य से अलग रखा जाएगा.

इससे पहले दिसंबर में बोर्ड ने कहा था कि आयकर अधिनियम के तहत जिन उत्पादों पर स्रोत पर कर वसूली लागू होती है उन पर जीएसटी की गणना के दौरान टीसीएस राशि को भी इसमें शामिल किया जाएगा. विभिन्न हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से बातचीत के बाद सीबीआईसी ने फैसला किया है कि जीएसटी लगाने के उद्देश्य से माल का मूल्यांकन करने के समय टीसीएस राशि को अलग रखा जाएगा.

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस माल पर कर नहीं है बल्कि विक्रेता की माल की बिक्री से होने वाली संभावित "आय" पर लगने वाला अंतरिम शुल्क है.

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