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पांच सौ करोड़ रुपये,अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-बिल योजना एक अक्टूबर से

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त (जीएसटी) योगेंद्र गर्ग ने बृहस्पतिवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली को नई प्रणाली के प्रस्तावित फीचर्स को जोड़कर और बेहतर किया जा सकेगा.

पांच सौ करोड़ रुपये,अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-बिल योजना एक अक्टूबर से
पांच सौ करोड़ रुपये,अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-बिल योजना एक अक्टूबर से
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Published : Jul 23, 2020, 5:07 PM IST

नई दिल्ली: सरकार एक नई जीएसटी ई-इनवॉइस या ई-बिल योजना अधिसूचित करने जा रही है. इसके जरिये 500 करोड़ रुपये या इससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियां एक अक्टूबर से सरकार के केंद्रीयकृत पोर्टल से सभी बिल निकाल सकेंगी. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

पहले इसके लिए कारोबार की सीमा 100 करोड़ रुपये थी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त (जीएसटी) योगेंद्र गर्ग ने बृहस्पतिवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली को नई प्रणाली के प्रस्तावित फीचर्स को जोड़कर और बेहतर किया जा सकेगा.

गर्ग ने कहा, जीएसटी क्रियान्वयन समिति ने कल सिफारिश की है कि ई-बिल के लिए हम एक अक्टूबर की समयसीमा को क्रियान्वित कर सकते हैं.

शुरुआत में हम 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक के लिए ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, जैसा हमने अधिसूचित किया था. हम जल्द एक अक्टूबर से इसे 500 करोड़ रुपये करने के लिए अधिसूचना जारी करेंगे. प्रणाली के स्थिर होने के बाद हम 100 करोड़ के कारोबार वाले लोगों के लिए तारीख की घोषणा करेंगे.

ये भी पढ़ें: कोविड-19 की वजह से बढ़ी पुरानी कारों की मांग: रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि कारोबार की इस नई सीमा के बारे में अधिसूचना अगले सप्ताह तक जारी कर दी जाएगी. ई-इनवॉइस का उद्देश्य जाली बिलों के जरिये की जाने वाली जीएसटी की चोरी को रोकना है. इसमें कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सुगम हो सकेगी क्योंकि बिल के आंकड़े पहले से केंद्रीयकृत पोर्टल में होंगे.

सरकार ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए एक अप्रैल से इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस अनिवार्य होगा. बाद में मार्च, 2020 में जीएसटी परिषद ने इसके क्रियान्वयन की तारीख को बढ़ाकर एक अक्टूबर कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार एक नई जीएसटी ई-इनवॉइस या ई-बिल योजना अधिसूचित करने जा रही है. इसके जरिये 500 करोड़ रुपये या इससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियां एक अक्टूबर से सरकार के केंद्रीयकृत पोर्टल से सभी बिल निकाल सकेंगी. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

पहले इसके लिए कारोबार की सीमा 100 करोड़ रुपये थी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त (जीएसटी) योगेंद्र गर्ग ने बृहस्पतिवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली को नई प्रणाली के प्रस्तावित फीचर्स को जोड़कर और बेहतर किया जा सकेगा.

गर्ग ने कहा, जीएसटी क्रियान्वयन समिति ने कल सिफारिश की है कि ई-बिल के लिए हम एक अक्टूबर की समयसीमा को क्रियान्वित कर सकते हैं.

शुरुआत में हम 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक के लिए ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, जैसा हमने अधिसूचित किया था. हम जल्द एक अक्टूबर से इसे 500 करोड़ रुपये करने के लिए अधिसूचना जारी करेंगे. प्रणाली के स्थिर होने के बाद हम 100 करोड़ के कारोबार वाले लोगों के लिए तारीख की घोषणा करेंगे.

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उन्होंने बताया कि कारोबार की इस नई सीमा के बारे में अधिसूचना अगले सप्ताह तक जारी कर दी जाएगी. ई-इनवॉइस का उद्देश्य जाली बिलों के जरिये की जाने वाली जीएसटी की चोरी को रोकना है. इसमें कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सुगम हो सकेगी क्योंकि बिल के आंकड़े पहले से केंद्रीयकृत पोर्टल में होंगे.

सरकार ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए एक अप्रैल से इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस अनिवार्य होगा. बाद में मार्च, 2020 में जीएसटी परिषद ने इसके क्रियान्वयन की तारीख को बढ़ाकर एक अक्टूबर कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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