नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्रों के लिये भी माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की तरह ही एक संघीय संस्था बनाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्यों के संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग के लिये यह जरूरी है कि स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास तथा कृषि क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये जीएसटी परिषद जैसी संघीय संस्थायें बनाई जायें.
जीएसटी परिषद का सफल प्रयोग अन्य क्षेत्रों में भी दोहराये जाने की जरूरत है. जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसका काम माल एवं सेवा कर से संबंधित मुद्दों पर केंद्र तथा राज्य सरकारों को सिफारिशें देना है. उन्होंने कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य ऐसे क्षेत्र हैं जहां केंद्र सरकार किसानों को मदद पहुंचाने, बुनियादी ढांचा का सृजन तथा गरीबों के लिए स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण पर काफी पैसा खर्च कर रही है.
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राज्य सरकारें भी इन क्षेत्रों पर खर्च कर रही हैं. जेटली ने कहा कि जरूरी विकास गतिविधियों के लिये केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच समन्वय बढ़ाकर संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की जरूरत है. जेटली ने टि्वटर पर एक वीडियो संदेश में कहा, "मुझे लगता है कि जीएसटी परिषद की तरह गैर-सांविधिक आधार पर गठित एक समन्वय निकाय इस कार्य को कर सकता है."
मंत्री ने कहा, "मेरा यह मानना है कि जीएसटी परिषद के सफल क्रियान्वयन के बाद ग्रामीण विकास, कृषि तथा स्वास्थ्य क्षेत्रों में संघीय संस्थान का प्रयोग किया जाना चाहिए. इससे आबादी के गरीब तबकों को लाभ होगा." उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद एक बेहतरीन संघीय संस्थान है जिसने अपनी 34 बैठकों में आम सहमति से हजारों मुद्दों पर निर्णय किया. इससे व्यापारियों और लोगों को लाभ हुआ तथा नये भारत का विकास हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.
(भाषा)