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सरकार निजी क्षेत्र को हर संभव सहायता देने के लिये तैयार: सीतारमण

बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित परिचर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-21 में विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने का भी भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि विनिवेश का पैसा ढांचागत सुविधाओं के विकास और संपत्ति सृजित करने में लग रहा है.

सरकार निजी क्षेत्र को हर संभव सहायता देने के लिये तैयार: सीतारमण
सरकार निजी क्षेत्र को हर संभव सहायता देने के लिये तैयार: सीतारमण
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Published : Feb 3, 2020, 9:47 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:44 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र से अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का विस्तार करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता देने के लिये तैयार है. सीतारमण ने कहा कि निजी क्षेत्र का बड़ा महत्व है. सरकार उन्हें अवसर उपलब्ध करानी चाहती है और उनकी राह सुगम बनाना चाहती है.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारे लिये निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण है. आप आगे बढ़ें, हम हर संभव समर्थन देने के लिये तैयार हैं."

बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित परिचर्चा में उन्होंने वर्ष 2020-21 में विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने का भी भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि विनिवेश का पैसा ढांचागत सुविधाओं के विकास और संपत्ति सृजित करने में लग रहा है.

ये भी पढ़ें- बजट 2020 : LIC से अपनी हिस्सेदारी का एक भाग बेचेगी सरकार

विनिवेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सरकार का इस मामले में मंशा पूरी तरह साफ है. सरकार इससे जो भी राशि प्राप्त हो रही है, उसे ढांचागत क्षेत्र के विकास और संपत्ति सृजित करने में लगाया जा रहा है."

वर्ष 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. इसमें करीब 90 हजार करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर सूचीबद्धता और आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से आ सकते हैं.

एलसआई के पूरे शेयर सरकार के पास है जबकि आईडीबीआई बैंक में सरकार की 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है. उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब विनिवेश लक्ष्य को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. साथ ही कुछ लोग बीपीसीएल में हिस्सेदारी बिक्री और एलआईसी में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये हिस्सेदारी बेचे जाने पर प्रश्न कर रहे हैं.

राजकोषीय घाटे के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा, "कुछ लोग वित्तीय घाटे के 4-5 प्रतिशत से ऊपर निकलने की बात कह रहे हैं. लेकिन हमने बजट में अपना रुख बिल्कुल साफ किया है. जहां जरूरी है हम वहां खर्च कर रहे हैं."

उल्लेखनीय है कि बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा का अनुमान 3.3 प्रतिशत से संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया है. अगले वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

अपने लंबे बजट भाषण के बारे में सीतारमण ने कहा, "मैंने लंबा समय बजट भाषण पढ़ने के बजाए, उसे तैयार करने में लगाया है. जुलाई के बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और देश भर में सभी संबद्ध पक्षों के साथ बातचीत के बाद हमने कदम उठाया है और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया है."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र से अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का विस्तार करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता देने के लिये तैयार है. सीतारमण ने कहा कि निजी क्षेत्र का बड़ा महत्व है. सरकार उन्हें अवसर उपलब्ध करानी चाहती है और उनकी राह सुगम बनाना चाहती है.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारे लिये निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण है. आप आगे बढ़ें, हम हर संभव समर्थन देने के लिये तैयार हैं."

बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित परिचर्चा में उन्होंने वर्ष 2020-21 में विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने का भी भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि विनिवेश का पैसा ढांचागत सुविधाओं के विकास और संपत्ति सृजित करने में लग रहा है.

ये भी पढ़ें- बजट 2020 : LIC से अपनी हिस्सेदारी का एक भाग बेचेगी सरकार

विनिवेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सरकार का इस मामले में मंशा पूरी तरह साफ है. सरकार इससे जो भी राशि प्राप्त हो रही है, उसे ढांचागत क्षेत्र के विकास और संपत्ति सृजित करने में लगाया जा रहा है."

वर्ष 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. इसमें करीब 90 हजार करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर सूचीबद्धता और आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से आ सकते हैं.

एलसआई के पूरे शेयर सरकार के पास है जबकि आईडीबीआई बैंक में सरकार की 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है. उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब विनिवेश लक्ष्य को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. साथ ही कुछ लोग बीपीसीएल में हिस्सेदारी बिक्री और एलआईसी में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये हिस्सेदारी बेचे जाने पर प्रश्न कर रहे हैं.

राजकोषीय घाटे के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा, "कुछ लोग वित्तीय घाटे के 4-5 प्रतिशत से ऊपर निकलने की बात कह रहे हैं. लेकिन हमने बजट में अपना रुख बिल्कुल साफ किया है. जहां जरूरी है हम वहां खर्च कर रहे हैं."

उल्लेखनीय है कि बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा का अनुमान 3.3 प्रतिशत से संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया है. अगले वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

अपने लंबे बजट भाषण के बारे में सीतारमण ने कहा, "मैंने लंबा समय बजट भाषण पढ़ने के बजाए, उसे तैयार करने में लगाया है. जुलाई के बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और देश भर में सभी संबद्ध पक्षों के साथ बातचीत के बाद हमने कदम उठाया है और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया है."

(पीटीआई-भाषा)

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सरकार निजी क्षेत्र को हर संभव सहायता देने के लिये तैयार: सीतारमण

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र से अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का विस्तार करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता देने के लिये तैयार है. सीतारमण ने कहा कि निजी क्षेत्र का बड़ा महत्व है. सरकार उन्हें अवसर उपलब्ध करानी चाहती है और उनकी राह सुगम बनाना चाहती है. 

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारे लिये निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण है. आप आगे बढ़ें, हम हर संभव समर्थन देने के लिये तैयार हैं."

बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित परिचर्चा में उन्होंने वर्ष 2020-21 में विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने का भी भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि विनिवेश का पैसा ढांचागत सुविधाओं के विकास और संपत्ति सृजित करने में लग रहा है. 

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विनिवेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सरकार का इस मामले में मंशा पूरी तरह साफ है. सरकार इससे जो भी राशि प्राप्त हो रही है, उसे ढांचागत क्षेत्र के विकास और संपत्ति सृजित करने में लगाया जा रहा है." 

वर्ष 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. इसमें करीब 90 हजार करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर सूचीबद्धता और आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से आ सकते हैं. 

एलसआई के पूरे शेयर सरकार के पास है जबकि आईडीबीआई बैंक में सरकार की 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है. उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब विनिवेश लक्ष्य को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. साथ ही कुछ लोग बीपीसीएल में हिस्सेदारी बिक्री और एलआईसी में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये हिस्सेदारी बेचे जाने पर प्रश्न कर रहे हैं.

राजकोषीय घाटे के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा, "कुछ लोग वित्तीय घाटे के 4-5 प्रतिशत से ऊपर निकलने की बात कह रहे हैं. लेकिन हमने बजट में अपना रुख बिल्कुल साफ किया है. जहां जरूरी है हम वहां खर्च कर रहे हैं." 

उल्लेखनीय है कि बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा का अनुमान 3.3 प्रतिशत से संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया है. अगले वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. 

अपने लंबे बजट भाषण के बारे में सीतारमण ने कहा, "मैंने लंबा समय बजट भाषण पढ़ने के बजाए, उसे तैयार करने में लगाया है. जुलाई के बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और देश भर में सभी संबद्ध पक्षों के साथ बातचीत के बाद हमने कदम उठाया है और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया है."


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 1:44 AM IST
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