ETV Bharat / business

सरकार के दबाव में रिजर्व बैंक ने नोटबंदी को सही ठहराया : कांग्रेस - उर्जित पटेल

एक आरटीआई का हवाला देते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि रिजर्व बैंक ने सरकार को पहले ही बताया था कि नोटबंदी से न को कालेधन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टचार थमेगा, लेकिन फिर भी सरकार ने रिजर्व बैंक पर दबाव बनाते हुए इसे सही ठहराया.

जयराम नरेश (फाइल फोटो)।
author img

By

Published : Mar 11, 2019, 4:34 PM IST

नई दिल्ली : एक आरटीआई के हवाले से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नोटबन्दी को देश हित मे बताने के लिये रिजर्व बैंक को दबाव में लेने का आरोप लगाया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस शुरू से कह रही थी कि नोटबन्दी एक घोटाला था, लेकिन अब सामने आ गया कि सरकार ने अपने हितों को साधने के लिय देश पर नोटबन्दी को थोप दिया.

जयराम ने कहा कि आरबीआई ने सरकार को सलाह दी थी कि नोटबंदी से कोई फायदा नहीं होगा. आरबीआई के उच्च अधिकारियों ने कहा था कि नोटबंदी से म तो कालाधन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टाचार थमेगा, लेकिन बाद में सरकार के दबाव में आकर आरबीआई ने नोटबंदी को सही करार दिया.

जटराम रमेश ने सात पेज का एक आरटीआई मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि 8 नवंबर, 2016 की जिस रात मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी लागू किया, उसी शाम आरबीआई की बैठक में कहा गया कि इससे कालाधन पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि काला धन कोई कैश में नहीं रखता. मुख्यत: यह या तो सोना अथवा जमीन के रूप में होता है.

उस बैठक में तब के रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास दोनों शामिल थे. रमेश ने आरोप लगाया कि वास्तविकता के उलट रिजर्व बैंक ने बाद में सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी.

रमेश ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली सरकार है, जिसमें रोजगार बनने ही बंद नहीं हुए बल्कि पुराने रोजगार भी खत्म हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. आगामी चुनाव में यह हमारा महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. हम जनता को बताएंगे कि नोटबंदी के बहाने सरकार ने कैसे घोटाला किया है. आम जनता को तबाह कर इस सरकार ने मनीलांड्रिग को अंजाम दिया है.
पढ़ें : केन्द्रीय राज्य मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दो अंतर-राज्यीय सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया

नई दिल्ली : एक आरटीआई के हवाले से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नोटबन्दी को देश हित मे बताने के लिये रिजर्व बैंक को दबाव में लेने का आरोप लगाया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस शुरू से कह रही थी कि नोटबन्दी एक घोटाला था, लेकिन अब सामने आ गया कि सरकार ने अपने हितों को साधने के लिय देश पर नोटबन्दी को थोप दिया.

जयराम ने कहा कि आरबीआई ने सरकार को सलाह दी थी कि नोटबंदी से कोई फायदा नहीं होगा. आरबीआई के उच्च अधिकारियों ने कहा था कि नोटबंदी से म तो कालाधन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टाचार थमेगा, लेकिन बाद में सरकार के दबाव में आकर आरबीआई ने नोटबंदी को सही करार दिया.

जटराम रमेश ने सात पेज का एक आरटीआई मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि 8 नवंबर, 2016 की जिस रात मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी लागू किया, उसी शाम आरबीआई की बैठक में कहा गया कि इससे कालाधन पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि काला धन कोई कैश में नहीं रखता. मुख्यत: यह या तो सोना अथवा जमीन के रूप में होता है.

उस बैठक में तब के रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास दोनों शामिल थे. रमेश ने आरोप लगाया कि वास्तविकता के उलट रिजर्व बैंक ने बाद में सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी.

रमेश ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली सरकार है, जिसमें रोजगार बनने ही बंद नहीं हुए बल्कि पुराने रोजगार भी खत्म हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. आगामी चुनाव में यह हमारा महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. हम जनता को बताएंगे कि नोटबंदी के बहाने सरकार ने कैसे घोटाला किया है. आम जनता को तबाह कर इस सरकार ने मनीलांड्रिग को अंजाम दिया है.
पढ़ें : केन्द्रीय राज्य मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दो अंतर-राज्यीय सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया

Intro:Body:

एक आरटीआई का हवाला देते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि रिजर्व बैंक ने सरकार को पहले ही बताया था कि नोटबंदी से न को कालेधन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टचार थमेगा, लेकिन फिर भी सरकार ने रिजर्व बैंक पर दबाव बनाते हुए इसे सही ठहराया.

नई दिल्ली : एक आरटीआई के हवाले से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नोटबन्दी को देश हित मे बताने के लिये रिजर्व बैंक को दबाव में लेने का आरोप लगाया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस शुरू से कह रही थी कि नोटबन्दी एक घोटाला था, लेकिन अब सामने आ गया कि सरकार ने अपने हितों को साधने के लिय देश पर नोटबन्दी को थोप दिया.

जयराम ने कहा कि आरबीआई ने सरकार को सलाह दी थी कि नोटबंदी से कोई फायदा नहीं होगा. आरबीआई के उच्च अधिकारियों ने कहा था कि नोटबंदी से म तो कालाधन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टाचार थमेगा, लेकिन बाद में सरकार के दबाव में आकर आरबीआई ने नोटबंदी को सही करार दिया.

जटराम रमेश ने सात पेज का एक आरटीआई मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि 8 नवंबर, 2016 की जिस रात मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी लागू किया, उसी शाम आरबीआई की बैठक में कहा गया कि इससे कालाधन पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि काला धन कोई कैश में नहीं रखता. मुख्यत: यह या तो सोना अथवा जमीन के रूप में होता है.

उस बैठक में तब के रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास दोनों शामिल थे. रमेश ने आरोप लगाया कि वास्तविकता के उलट रिजर्व बैंक ने बाद में सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी.

रमेश ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली सरकार है, जिसमें रोजगार बनने ही बंद नहीं हुए बल्कि पुराने रोजगार भी खत्म हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. आगामी चुनाव में यह हमारा महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. हम जनता को बताएंगे कि नोटबंदी के बहाने सरकार ने कैसे घोटाला किया है. आम जनता को तबाह कर इस सरकार ने मनीलांड्रिग को अंजाम दिया है.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.