परिषद बुधवार को अपनी बैठक में रियल्टी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीमेंट पर कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर भी विचार कर सकती है.
सूत्रों ने बताया कि सीमेंट में जीएसटी करों में कटौती और जीओएम रिपोर्ट बैठक के एजेंडे में है. सूत्रों ने बताया कि सरकार आगामी लोकसभा चुनावों से पहले हाउसिंग सेक्टर को करीब से देख रही है.
मंत्रिमंडल ने लॉटरी पर समान जीएसटी दर की समीक्षा की, लेकिन यह दर 18 प्रतिशत होगी या 28 प्रतिशत इस पर बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
वर्तमान में राज्य द्वारा आयोजित लॉटरी में 12 फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि राज्य द्वारा अधिकृत लॉटरी में 28 फीसदी कर लगता है.
बुधवार की बैठक में 3 प्रतिशत की कर दर के तहत अधिक गरीब लोगों को समायोजित कर सरकार किफायती आवास की परिभाषा को बदल सकती है.
वर्तमान में किफायती घरों को 50 वर्ग मीटर तक के कालीन क्षेत्र में परिभाषित किया है, जिस श्रेणी में और अधिक लोगों को शामिल करने के लिए 80 वर्ग मीटर तक बढ़ाए जाने की संभावना है. हाउस डेवलपर्स और संभावित घर खरीददारों को इस कदम से लाभ होने की उम्मीद है.
वर्तमान में निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए भुगतान पर प्रिमियम आवास पर 12 प्रतिशत और किफायती आवासों पर 8 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है, जहां बिक्री के समय पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.
यदि पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने के बाद कोई संपत्ति खरीदी जाती है तो कोई जीएसटी नहीं लिया जाता है.
हाल ही में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र को राहत देने पर विचार कर रही है और अगली जीएसटी परिषद की बैठक (20 फरवरी) उनके मुद्दों को हल करने के लिए कुछ कदम उठा सकती है.
रियल एस्टेट बाजार को मंदी और कई कर मुद्दों से बाहर निकलने के लिए जीएसटी हस्तक्षेप प्राप्त करना है.
सरकार निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक संपत्ति डेवलपर्स और खरीदारों को एक बड़ा चुनाव पूर्व बोनस देने की तैयारी में है.
इस बीच किफायती आवास पर जीएसटी केवल 3 प्रतिशत हो सकता है. बैठक में इन प्रस्तावों को लेने और पारित करने की भी उम्मीद है. निर्माणाधीन घरों में वर्तमान में 12 प्रतिशत जीएसटी और 6 प्रतिशत स्टांप शुल्क और पंजीकरण शामिल हैं.
(आईएएनएस)
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