बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत : नए साल का पहले दिन यानि 1 जनवरी को न सिर्फ कैलेंडर बदलेगा, बल्कि यह अपने साथ कुछ नए नियमों को भी लेकर आएगा जो आम आदमी और उद्योग धंधों पर अपना असर छोड़ेगा.
यहां कुछ ऐसे महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण परिवर्तनों की सूची दी गई है, जो आपके वित्तीय व्यवहार पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं:
अनिवार्य फास्टैग
देश भर में टोल टैक्स का इलेक्ट्रॉनिक संग्रह सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने 1 जनवरी से राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग का उपयोग अनिवार्य कर दिया है.
फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी. यह टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने की सुविधा है. फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा.
फास्टैग सुविधा के तहत वाहनों पर एक इलेक्ट्रॉनिक तरह से पढ़ा जाने वाला टैग लगा दिया जाता है. यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है. यह गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है.
वाहन जब किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां लगी मशीन उस टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शुल्क वसूल कर लेती है. इससे वाहनों को शुल्क गेट पर रुक कर नगद भुगतान नहीं करना होता है.
सरकार ने फास्टैग को बेचने के लिए बैंकों और ई-कॉमर्स चैनलों सहित कई एजेंसियों के साथ साझेदारी की है. यह 7 प्रमुख बैंकों जैसे एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पैमेंट्स बैंक और इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक आदि की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी खरीदे जा सकते हैं.
संपर्करहित कार्ड भुगतान की सीमा 5,000 रुपये तक बढ़ी
डिजिटल भुगतान को अपनाने का विस्तार करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1 जनवरी 2021 से मौजूदा कार्ड रहित संपर्क लेनदेन की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी है.
संपर्क रहित भुगतान करने के लिए उपयोगकर्ताओं को संपर्क रहित भुगतान कार्ड मशीन पर अपना कार्ड बस टैप करना या मशीन के पास लाना होता. इसे मशीन में स्वाइप करने की आवश्यकता नहीं होती. इसे संपर्क रहित कहा जाता है क्योंकि कार्ड पूरे समय आपके हाथ में रहता है.
अब तक 2,000 रुपये से कम के लेनदेन पर हस्ताक्षर या पिन की आवश्यकता नहीं होती थी. बस भुगतान करने के लिए टैप करने की आवश्यकता थी. यह पूरी प्रक्रिया संपर्करहित होती थी, जो कि कोरोना महामारी के समय काफी उपयोगी साबित हुई. अब आरबीआई ने इस सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया है, जिसका मतलब है कि अब केवल 5,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर हस्ताक्षर या पिन की आवश्यकता होती.
चेक के लिए पॉजिटिव पे
चेक भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए, आरबीआई ने 50,000 रुपये और उससे अधिक के मूल्य के चेक के लिए 'पॉजिटिव पे' तंत्र पेश किया है.
पॉजिटिव पे में बड़े मूल्य के चेक के जरिए धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए उन्हें मंजूरी देने से पहले प्रमुख विवरणों को फिर से देने की एक प्रक्रिया शामिल है.
इस प्रक्रिया के तहत, चेक जारीकर्ता, चाहे वह कंपनी हो या कोई व्यक्ति, चेक के कुछ विवरण जैसे दिनांक, लाभार्थी / भुगतानकर्ता का नाम, राशि, आदि बैंक को जमा करता है.
जब चेक को समाशोधन के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) जारीकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरणों के साथ उसके विवरण को क्रॉस-चेक करता है.
यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो उसे सीटीएस द्वारा जारीकर्ता के बैंक और प्रेजेंटिंग बैंक को भेजा जाता है, जो संबंधित निवारण उपाय करते हैं.
आरबीआई ने कहा कि बैंक 5 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के मामले में इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं. बैंकों को अभी व्यक्तिगत अपने निर्णय की घोषणा करनी है.
यात्री वाहन की कीमतों में इजाफा
प्रमुख कार निर्माताओं ने घोषणा की है कि बढ़ते इनपुट लागत के कारण वे 1 जनवरी से अपने आने वाले उत्पादों की कीमतों में इजाफा करने जा रहे हैं.
मारुति सुजुकी, हुंडई, होंडा, रेनो, किआ, एमजी और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपने मॉडलों के लिए मूल्य वृद्धि की घोषणा की है.
मारुति और हुंडई सहित कई कार निर्माताओं ने अभी तक कीमतों में बढ़ोतरी की सही मात्रा की घोषणा नहीं की है. कीमतों की सही सूची जानने के लिए 1 जनवरी का इंतजार करना होगा.
एमजी ने कहा कि उनकी एसयूवी की कीमतें 3% बढ़ जाएंगी, जबकि बीएमडब्ल्यू ने कहा कि उसकी मिनी कारों की कीमतें 4% तक बढ़ जाएंगी.
5 करोड़ से कम सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को नहीं भरना होगा मासिक जीएसटी रिटर्न
1 जनवरी 2021 से, करदाता जिनका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न यानी जीएसटीआर 3 बी और जीएसटीआर 1 दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि, वे केवल तिमाही रिटर्न दाखिल करेंगे.
इस कदम से, ऐसी फर्मों द्वारा दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की संख्या पहले के 24 से घटकर 8 हो जाएगी.
हालांकि, ऐसे करदाता हर महीने चालान के माध्यम से या तो मासिक देयता के स्व-मूल्यांकन या तिमाही के पिछले दायर जीएसटीआर -3 बी के शुद्ध नकद देयता का 35% जीएसटी भुगतान करेंगे.
इसके अलावा, रिफंड केवल उन बैंक खातों में दिया जाएगा जो 1 जनवरी से पैन और आधार विवरण के साथ मान्य हैं.
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