नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सूक्ष्म खाद्य उद्यमों (एमएफई) को औपचारिक रूप देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू करेगा.
सीतारमण ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना वैश्विक आउटरीच के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान के अनुरूप है.
यह योजना 2 लाख एमएफई को एफएसएसएआई गोल्ड मानकों को प्राप्त करने, ब्रांड बनाने और विपणन को बढ़ावा देने में मदद करेगी.
इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश में आम, जम्मू और कश्मीर में केसर जैसे उत्पादों के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण लिया जाएगा.
सरकार के अनुसार, इस निर्णय से स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों में सुधार होगा, खुदरा बाजारों के साथ एकीकरण और बेहतर आय होगी.
यह बेहतर स्वास्थ्य चेतना के मद्देनजर अप्रयुक्त निर्यात बाजारों तक पहुंचने में मदद करने की भी संभावना है.
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वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की है कि केंद्र किसानों के लिए फार्म-गेट इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्थापित करेगा, जो कि फार्म-गेट और एग्रीगेशन पॉइंट्स के लिए विकास के लिए प्रोत्साहन, सस्ती और वित्तीय रूप से व्यवहार्य पोस्ट फसल प्रबंधन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगा.
यह घोषणाएं मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त का हिस्सा हैं.