नई दिल्ली: कर संग्रह का लक्ष्य पूरा नहीं होने के आसार के बीच वित्त मंत्रालय कर वसूली मशीनरी को और अधिक सक्रिय कर रहा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय ने 2019-20 के बचे चार महीनों में हर महीने 1.1 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह करने का लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शीर्ष कर अधिकारियों के साथ चर्चा की और आयकर जैसे प्रत्यक्ष कर एवं जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठाने को कहा है.
पांडे ने अधिकारियों को कर चोरी पकड़ने के साथ साथ यह भी निर्देश दिया कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए. कर अधिकारियों को बताया गया कि जीएसटी संग्रह के साथ ही 2019-20 के लिए निर्धारित प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य (13.35 लाख करोड़ रुपये) को भी हासिल करना होगा.
सूत्रों ने कहा कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य के लिए इन चार महीनों में किसी एक महीने में कर संग्रह 1.25 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए.
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चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में से चार महीनों का जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है. इनमें से सिर्फ एक महीने वसूली का आंकड़ा 1.1 लाख करोड़ रुपये के ऊपर रहा लेकिन मौजूदा रुख ही बना रहा तो जीएसटी संग्रह लक्ष्य से कम से कम एक लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है.
सरकार ने 2019-20 में 13.35 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर से जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें अक्टूबर इसका 45 प्रतिशत (6 लाख करोड़ रुपये) जुटाये गए हैं.
सूत्रों ने कहा कि राजस्व विभाग अगले चार महीनों में कर संग्रह बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. विभाग ने सीबीआईसी, सीबीडीटी के सदस्यों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर का लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा है.
उन्होंने कहा कि वसूली बढ़ाने के प्रयास करने के निर्देशों के साथ साथ अधिकारियों को यह भी ध्यान रखने को कहा गया है कि वसूली अभियान के दौरान किसी करदाताओं को अनावश्यक दिक्कत या परेशानी न हो.
अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया गया है कि कॉरपोरेट कर के मद में दी गई राहत को प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी के लिए बहाने नहीं बनाया जाए. सरकार के कंपनी कर घटाने से खजाने को 1.45 लाख करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है.
सूत्रों ने कहा कि राजस्व सचिव बजट की तैयारियों में व्यस्त रहने के बावजूद हर हफ्ते क्षेत्रों का दौरा करके संग्रह बढ़ाने के प्रयासों की निगरानी करेंगे.