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वित्त मंत्रालय ने पेंशन कोष में चीन से निवेश पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव किया - पीएफआरडीए

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

वित्त मंत्रालय ने पेंशन कोष में चीन से निवेश पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव किया
वित्त मंत्रालय ने पेंशन कोष में चीन से निवेश पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव किया
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Published : Jun 20, 2020, 12:21 PM IST

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है.

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार, "चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा."

इस पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गयी है. इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा. भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा.

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है.

ये भी पढ़ें: महंगाई: 13 दिनों में पेट्रोल 7.09 और डीजल 7.67 रुपये प्रति लीटर बढ़ा

प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है.

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार, "चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा."

इस पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गयी है. इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा. भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा.

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है.

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प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.

(पीटीआई-भाषा)

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