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'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधारों को लागू करने वाला देश का छठा राज्य बना राजस्थान

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को राजस्थान को कारोबार करने में सुगमता सुधारों के बाद 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति दी है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला राजस्थान देश का छठा राज्य है.

'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधारों को लागू करने वाला देश का छठा राज्य बना राजस्थान
'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधारों को लागू करने वाला देश का छठा राज्य बना राजस्थान
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Published : Dec 26, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 7:58 PM IST

नई दिल्ली : राजस्थान वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित 'व्यवसाय करने की सुगमता' सुधारों को सफलतापूर्वक आरम्भ करने वाला देश का छठा राज्य बन गया है. इस प्रकार, राज्य खुले बाजार की उधारियों के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का पात्र बन गया है.

व्यय विभाग द्वारा इसकी अनुमति 24 दिसंबर, 2020 को जारी की गई.

राजस्थान के पहले पांच अन्य राज्यों - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना ने यह उपलब्धि हासिल की है. व्यवसाय करने की सुगमता से जुड़े सुधारों की पूर्णता पर इन छह राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति प्रदान की गई है.

व्यवसाय करने की सुगमता देश में निवेश अनुकूल वातावरण का एक महत्वपूर्ण संकेतक है. व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था के भविष्य के त्वरित विकास को सक्षम बनाएगा. इसलिए, भारत सरकार ने मई 2020 में, उन राज्यों को अतिरिक्त उधार की अनुमतियों की स्वीकृति देने का निर्णय लिया, जिन्होंने व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सुधार आरम्भ किए.

इस श्रेणी में निर्धारित सुधार निम्नलिखित हैं:

1. जिला स्तरीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना के प्रथम आकलन की पूर्णता

2. विभिन्न अधिनियमों के तहत व्यवसायों द्वारा प्राप्त पंजीकरण प्रमाणपत्रों/अनुमोदनों/लाइसेंसों के नवीकरण की वांछनीयता का उन्मूलन.

3. अधिनियमों के तहत कम्प्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली का कार्यान्वयन, जिसमें निरीक्षकों का आवंटन केंद्रीय रूप से किया जाता है, लेकिन उसी निरीक्षक को बाद के वर्षों में उसी इकाई में निर्दिष्ट नहीं किया जाता, व्यवसायी को पूर्व निरीक्षण नोटिस प्रदान किया जाता है और निरीक्षण रिपोर्ट निरीक्षण के 48 घंटे के भीतर अपलोड की जाती है.

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी. इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया.

चिन्हित सुधारों के लिए चार लोक केंद्रित क्षेत्र थे:

  • एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन
  • व्यवसाय करने की सुगमता सुधार
  • शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार
  • बिजली क्षेत्र सुधार

अभी तक, 10 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को कार्यान्वित किया है, 6 राज्यों ने व्यवसाय करने की सुगमता सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं. जिन राज्यों ने सुधार किए हैं, उन्हें अभी तक कुल 50,253 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें : 2030 तक भारत बन जाएगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली : राजस्थान वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित 'व्यवसाय करने की सुगमता' सुधारों को सफलतापूर्वक आरम्भ करने वाला देश का छठा राज्य बन गया है. इस प्रकार, राज्य खुले बाजार की उधारियों के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का पात्र बन गया है.

व्यय विभाग द्वारा इसकी अनुमति 24 दिसंबर, 2020 को जारी की गई.

राजस्थान के पहले पांच अन्य राज्यों - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना ने यह उपलब्धि हासिल की है. व्यवसाय करने की सुगमता से जुड़े सुधारों की पूर्णता पर इन छह राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति प्रदान की गई है.

व्यवसाय करने की सुगमता देश में निवेश अनुकूल वातावरण का एक महत्वपूर्ण संकेतक है. व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था के भविष्य के त्वरित विकास को सक्षम बनाएगा. इसलिए, भारत सरकार ने मई 2020 में, उन राज्यों को अतिरिक्त उधार की अनुमतियों की स्वीकृति देने का निर्णय लिया, जिन्होंने व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सुधार आरम्भ किए.

इस श्रेणी में निर्धारित सुधार निम्नलिखित हैं:

1. जिला स्तरीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना के प्रथम आकलन की पूर्णता

2. विभिन्न अधिनियमों के तहत व्यवसायों द्वारा प्राप्त पंजीकरण प्रमाणपत्रों/अनुमोदनों/लाइसेंसों के नवीकरण की वांछनीयता का उन्मूलन.

3. अधिनियमों के तहत कम्प्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली का कार्यान्वयन, जिसमें निरीक्षकों का आवंटन केंद्रीय रूप से किया जाता है, लेकिन उसी निरीक्षक को बाद के वर्षों में उसी इकाई में निर्दिष्ट नहीं किया जाता, व्यवसायी को पूर्व निरीक्षण नोटिस प्रदान किया जाता है और निरीक्षण रिपोर्ट निरीक्षण के 48 घंटे के भीतर अपलोड की जाती है.

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी. इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया.

चिन्हित सुधारों के लिए चार लोक केंद्रित क्षेत्र थे:

  • एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन
  • व्यवसाय करने की सुगमता सुधार
  • शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार
  • बिजली क्षेत्र सुधार

अभी तक, 10 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को कार्यान्वित किया है, 6 राज्यों ने व्यवसाय करने की सुगमता सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं. जिन राज्यों ने सुधार किए हैं, उन्हें अभी तक कुल 50,253 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें : 2030 तक भारत बन जाएगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

Last Updated : Dec 26, 2020, 7:58 PM IST
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