नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष में बैंकों की 1.80 लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) वसूल होने की उम्मीद है. वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने इसकी जानकारी दी है. कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता (आईबीसी) संहिता के तहत बैंक एक लाख करोड़ रुपये की वसूली कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अन्य समाशोधन मामलों के अंतिम चरणों में होने के कारण मार्च 2019 के अंत तक एनपीए वसूली 1.80 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की उम्मीद है.
बैंकों को एस्सार स्टील मामले से करीब 52 हजार करोड़ रुपये और भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड मामले का समाधान होने से 18 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. इन दो मामलों के अलावा अनुमान है कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) वीडियोकॉन समूह, मोन्नेट इस्पात, एम्टेक ऑटो और रूचि सोया समेत कुछ अन्य मामलों का भी निपटारा कर लेगा.
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कुमार ने जनवरी-मार्च तिमाही में सरकारी बैंकों के परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह काफी सकारात्मक है. एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर 2016 बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली के लिये नया कानून आईबीसी बनाने के बाद से अब तक प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की समस्या से निपटने की दिशा में मदद मिली है.
(भाषा)