नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों की मांगों को देखते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बढ़े हुए अधिभार को वापस लेने की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने कहा कि इक्विटी शेयर्स के ट्रांसफर से होने वाले लॉन्ग और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर सरचार्ज वापस ले लिया गया है. जिससे कि बजट पूर्व की स्थिति वापस बडहाल की जाती है.
इसके साथ ही तरलता की कमी से जूझ रहे एमएसएमई क्षेत्र को एक बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनके सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिनों के भीतर किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी देने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य उधार को बढ़ावा देना और तरलता की स्थिति में सुधार करना है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, इस कदम से 5 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय व्यवस्था में अतिरिक्त उधार और तरलता उत्पन्न होने की उम्मीद है.
ऑटो सेक्टर में मंदी के समाधान के लिए, सरकार ने शुक्रवार को सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध हटाने और मार्च 2020 तक अधिग्रहीत वाहनों पर अतिरिक्त 15 प्रतिशत मूल्यह्रास सहित उपायों की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च 2020 तक खरीदे गए बीएस- IV वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि के लिए चालू रहेंगे.
सरकार ने गुरुवार को यह सुनिश्चित करने के लिए उपायों की घोषणा की कि घर, वाहन और उपभोग के सामान के लिए ऋण सस्ता और व्यापक रूप से बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध हो.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि बैंक एमसीएलआर कटौती के माध्यम से ऋण लेने वालों को आरबीआई दर में कटौती से गुजरेंगे.