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अप्रैल से सितंबर के दौरान एफडीआई 15 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2019-20 के दौरान एफडीआई 26 अरब डॉलर रहा था. इस साल जुलाई में देश में 17.5 अरब डॉलर का एफडीआई आया था.

अप्रैल से सितंबर के दौरान एफडीआई 15 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर
अप्रैल से सितंबर के दौरान एफडीआई 15 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर
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Published : Nov 28, 2020, 12:38 PM IST

नई दिल्ली: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर हो गया. आधिकारिक आंकड़ों में यह पता चला.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2019-20 के दौरान एफडीआई 26 अरब डॉलर रहा था. इस साल जुलाई में देश में 17.5 अरब डॉलर का एफडीआई आया था.

अप्रैल-सितंबर 2020-21 के दौरान जिन क्षेत्रों ने अधिक एफडीआई आकर्षित किया, उनमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (17.55 अरब डॉलर), सेवाएं (2.25 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (94.9 करोड़ डॉलर), रसायन (43.7 करोड़ डॉलर) तथा ऑटोमोबाइल (41.7 करोड़ डॉलर) शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: जीडीपी गिरने के बावजूद उद्योगों ने जताया आश्चर्य, आंकड़ों को बताया अनुमान से बेहतर

इस दौरान सिंगापुर 8.3 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा. इसके बाद अमेरिका (7.12 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड्स (2.1 अरब डॉलर), मॉरीशस (दो अरब डॉलर), नीदरलैंड (1.5 अरब डॉलर), ब्रिटेन (1.35 अरब डॉलर), फ्रांस (1.13 अरब डॉलर) और जापान (65.3 करोड़ डॉलर) का स्थान रहा.

डीपीआईआईटी ने कहा कि विदेशी कंपनियों की आय के पुनर्निवेश को जोड़कर कुल एफडीआई करीब 40 अरब डॉलर रहा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर हो गया. आधिकारिक आंकड़ों में यह पता चला.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2019-20 के दौरान एफडीआई 26 अरब डॉलर रहा था. इस साल जुलाई में देश में 17.5 अरब डॉलर का एफडीआई आया था.

अप्रैल-सितंबर 2020-21 के दौरान जिन क्षेत्रों ने अधिक एफडीआई आकर्षित किया, उनमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (17.55 अरब डॉलर), सेवाएं (2.25 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (94.9 करोड़ डॉलर), रसायन (43.7 करोड़ डॉलर) तथा ऑटोमोबाइल (41.7 करोड़ डॉलर) शामिल हैं.

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इस दौरान सिंगापुर 8.3 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा. इसके बाद अमेरिका (7.12 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड्स (2.1 अरब डॉलर), मॉरीशस (दो अरब डॉलर), नीदरलैंड (1.5 अरब डॉलर), ब्रिटेन (1.35 अरब डॉलर), फ्रांस (1.13 अरब डॉलर) और जापान (65.3 करोड़ डॉलर) का स्थान रहा.

डीपीआईआईटी ने कहा कि विदेशी कंपनियों की आय के पुनर्निवेश को जोड़कर कुल एफडीआई करीब 40 अरब डॉलर रहा.

(पीटीआई-भाषा)

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