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वित्त वर्ष 2018-19 में निर्यात आंकड़ा 330 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद : प्रभु - सुरेश प्रभु

प्रभु ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश का कुल निर्यात 331 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. हमारा निर्यात 2018-19 में कम से कम 331 अरब डॉलर पर होगा और मार्च महीने में यह 32.38 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो कि किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर है.

सुरेश प्रभु (फाइल फोटो)।
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Published : Apr 3, 2019, 7:42 PM IST

नई दिल्ली : देश का निर्यात 2018-19 के मार्च महीने में 32.38 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है. यह किसी भी महीने में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा. इसकी वजह फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को यह बात कही.

प्रभु ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश का कुल निर्यात 331 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, "हमारा निर्यात 2018-19 में कम से कम 331 अरब डॉलर पर होगा और मार्च महीने में यह 32.38 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो कि किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर है."

उन्होंने कहा कि "पहली बार" देश से फार्मा निर्यात बढ़कर 19 अरब डॉलर के पार होगा. वाणिज्य मंत्रालय 15 अप्रैल को व्यापार से जुड़े आंकड़े जारी करेगा. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि देश का निर्यात काफी समय से गिर रहा था, लेकिन इस साल (2018-19) हम रिकॉर्ड स्तर पर निर्यात दर्ज करेंगे. उन्होंने कहा कि देश का निर्यात 2018-19 में सबसे उच्च स्तर पर होगा. यह तब होगा जब वैश्विक मोर्चे पर व्यापार बुरे दौर से गुजर रहा है.

प्रभु ने कहा कि पिछले एक साल में मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों से निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में निर्यात संभावनाएं तलाशने के लिए हमने हर उत्पाद और सभी भौगोलिक क्षेत्र के बीच एक खाका तैयार किया है. इसके अलावा हमनें उन क्षेत्रों में रोडशो भी किया. वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए खाद्य, कृषि, फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी समेत अन्य मंत्रालयों के साथ कई बैठकें भी कीं.

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को कहा था कि व्यापार मोर्चे पर बढ़ रहे तनाव और आर्थिक अस्थिरता के चलते 2019 और 2020 में वैश्विक व्यापार में सुस्ती जारी रहेगी. मंत्री ने कहा कि कई देशों के संरक्षणवादी कदम उठाने के बावजूद भारत के निर्यात में अच्छी-खासी वृद्धि देखी जा रही है. अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर उच्च सीमा शुल्क लगाने से व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी.

उल्लेखनीय है कि 2018-19 के अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का निर्यात 8.85 प्रतिशत बढ़कर 298.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2011-12 से, देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास चल रहा है. 2017-18 के दौरान निर्यात बढ़कर 303 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
ये भी पढ़ें : दुनिया में 11.3 करोड़ से अधिक लोगों के सामने आहार का संकट : संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली : देश का निर्यात 2018-19 के मार्च महीने में 32.38 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है. यह किसी भी महीने में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा. इसकी वजह फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को यह बात कही.

प्रभु ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश का कुल निर्यात 331 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, "हमारा निर्यात 2018-19 में कम से कम 331 अरब डॉलर पर होगा और मार्च महीने में यह 32.38 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो कि किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर है."

उन्होंने कहा कि "पहली बार" देश से फार्मा निर्यात बढ़कर 19 अरब डॉलर के पार होगा. वाणिज्य मंत्रालय 15 अप्रैल को व्यापार से जुड़े आंकड़े जारी करेगा. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि देश का निर्यात काफी समय से गिर रहा था, लेकिन इस साल (2018-19) हम रिकॉर्ड स्तर पर निर्यात दर्ज करेंगे. उन्होंने कहा कि देश का निर्यात 2018-19 में सबसे उच्च स्तर पर होगा. यह तब होगा जब वैश्विक मोर्चे पर व्यापार बुरे दौर से गुजर रहा है.

प्रभु ने कहा कि पिछले एक साल में मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों से निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में निर्यात संभावनाएं तलाशने के लिए हमने हर उत्पाद और सभी भौगोलिक क्षेत्र के बीच एक खाका तैयार किया है. इसके अलावा हमनें उन क्षेत्रों में रोडशो भी किया. वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए खाद्य, कृषि, फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी समेत अन्य मंत्रालयों के साथ कई बैठकें भी कीं.

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को कहा था कि व्यापार मोर्चे पर बढ़ रहे तनाव और आर्थिक अस्थिरता के चलते 2019 और 2020 में वैश्विक व्यापार में सुस्ती जारी रहेगी. मंत्री ने कहा कि कई देशों के संरक्षणवादी कदम उठाने के बावजूद भारत के निर्यात में अच्छी-खासी वृद्धि देखी जा रही है. अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर उच्च सीमा शुल्क लगाने से व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी.

उल्लेखनीय है कि 2018-19 के अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का निर्यात 8.85 प्रतिशत बढ़कर 298.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2011-12 से, देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास चल रहा है. 2017-18 के दौरान निर्यात बढ़कर 303 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
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नई दिल्ली : देश का निर्यात 2018-19 के मार्च महीने में 32.38 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है. यह किसी भी महीने में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा. इसकी वजह फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को यह बात कही.

प्रभु ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश का कुल निर्यात 331 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, "हमारा निर्यात 2018-19 में कम से कम 331 अरब डॉलर पर होगा और मार्च महीने में यह 32.38 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो कि किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर है."

उन्होंने कहा कि "पहली बार" देश से फार्मा निर्यात बढ़कर 19 अरब डॉलर के पार होगा. वाणिज्य मंत्रालय 15 अप्रैल को व्यापार से जुड़े आंकड़े जारी करेगा. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि देश का निर्यात काफी समय से गिर रहा था, लेकिन इस साल (2018-19) हम रिकॉर्ड स्तर पर निर्यात दर्ज करेंगे. उन्होंने कहा कि देश का निर्यात 2018-19 में सबसे उच्च स्तर पर होगा. यह तब होगा जब वैश्विक मोर्चे पर व्यापार बुरे दौर से गुजर रहा है.

प्रभु ने कहा कि पिछले एक साल में मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों से निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में निर्यात संभावनाएं तलाशने के लिए हमने हर उत्पाद और सभी भौगोलिक क्षेत्र के बीच एक खाका तैयार किया है. इसके अलावा हमनें उन क्षेत्रों में रोडशो भी किया. वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए खाद्य, कृषि, फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी समेत अन्य मंत्रालयों के साथ कई बैठकें भी कीं.

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को कहा था कि व्यापार मोर्चे पर बढ़ रहे तनाव और आर्थिक अस्थिरता के चलते 2019 और 2020 में वैश्विक व्यापार में सुस्ती जारी रहेगी. मंत्री ने कहा कि कई देशों के संरक्षणवादी कदम उठाने के बावजूद भारत के निर्यात में अच्छी-खासी वृद्धि देखी जा रही है. अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर उच्च सीमा शुल्क लगाने से व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी.

उल्लेखनीय है कि 2018-19 के अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का निर्यात 8.85 प्रतिशत बढ़कर 298.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2011-12 से, देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास चल रहा है. 2017-18 के दौरान निर्यात बढ़कर 303 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

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