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वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का भरोसा : सोमनाथन - वित्त वर्ष 2025-26

चालू वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से कहीं ऊपर जाने का अनुमान है. वहीं, व्यय सचिव टीवी सोमनाथन का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का भरोसा है.

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Published : Feb 7, 2021, 3:59 PM IST

नई दिल्ली : सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का भरोसा है. व्यय सचिव टीवी सोमनाथन ने रविवार को यह बात कही.

सोमनाथन ने कहा कि हर साल मौजूदा मूल्य पर जीडीपी में 10 प्रतिशत की वृद्धि से हम राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के अंदर ला सकते हैं. चालू वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से कहीं ऊपर जाने का अनुमान है.

संशोधित अनुमानों के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को 'चलाने' के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.

अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. सरकार ने 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है.

हर साल कोविड वर्ष नहीं हो सकता : सोमनाथन

सोमनाथन ने कहा, 'हम राजकोषीय घाटे को नीचे लाने को लेकर गंभीर हैं. इसे 9.5 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य हासिल होने योग्य है. भविष्य के वर्षों में असाधारण खर्च नहीं होंगे. प्रत्येक साल कोविड वर्ष नहीं हो सकता. मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे ला सकेंगे.'

पढ़ें- आरबीआई की ब्याज दरों में लगातार चौथी बार कोई बदलाव नहीं

उन्होंने कहा कि अगले चार साल के दौरान 5-6 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के आधार पर राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय किया गया है. मौजूदा मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर आज की तुलना में कम से कम 44 प्रतिशत ऊंची रहेगी.

नई दिल्ली : सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का भरोसा है. व्यय सचिव टीवी सोमनाथन ने रविवार को यह बात कही.

सोमनाथन ने कहा कि हर साल मौजूदा मूल्य पर जीडीपी में 10 प्रतिशत की वृद्धि से हम राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के अंदर ला सकते हैं. चालू वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से कहीं ऊपर जाने का अनुमान है.

संशोधित अनुमानों के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को 'चलाने' के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.

अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. सरकार ने 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है.

हर साल कोविड वर्ष नहीं हो सकता : सोमनाथन

सोमनाथन ने कहा, 'हम राजकोषीय घाटे को नीचे लाने को लेकर गंभीर हैं. इसे 9.5 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य हासिल होने योग्य है. भविष्य के वर्षों में असाधारण खर्च नहीं होंगे. प्रत्येक साल कोविड वर्ष नहीं हो सकता. मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे ला सकेंगे.'

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उन्होंने कहा कि अगले चार साल के दौरान 5-6 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के आधार पर राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय किया गया है. मौजूदा मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर आज की तुलना में कम से कम 44 प्रतिशत ऊंची रहेगी.

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