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आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी, जून में 0.2 प्रतिशत

सरकार ने बुधवार को मई महीने के बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया. पहले इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

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Published : Jul 31, 2019, 11:41 PM IST

आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी, जून में 0.2 प्रतिशत

नई दिल्ली: बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार जून महीने में सुस्त पड़ गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खनिज तेल और तेल रिफाइनरी तथा सीमेंट उत्पादन घटने से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून में घटकर 0.2 प्रतिशत पर आ गई.

सरकार ने बुधवार को मई महीने के बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया. पहले इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन में जून, 2018 में 7.8 प्रतिशत बढ़ा था. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है.

ये भी पढ़ें: भारत में कुल कारोबारी विश्वास कमजोर: सर्वे

सरकारी आंकड़ों के अनुसार जून में कच्चे तेल का उत्पादन एक साल पहले के इसी माह की तुलना में 6.8 प्रतिशत गिरा जबकि तेल रिफाइनरी उद्योग के उत्पादन में सालाना आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. जून, 2018 में इस क्षेत्र का उत्पादन 12.1 प्रतिशत बढ़ा था. जून महीने में प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी घटा. सीमेंट उत्पादन भी एक साल पहले के इसी माह से 1.5 प्रतिशत कम रहा.

हालांकि, समीक्षाधीन महीने में इस्पात उत्पादन में 6.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी. दो माह की गिरावट के बाद जून में उर्वरक उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. समीक्षाधीन महीने में कोयला उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा.

हालांकि, यह पिछले साल समान महीने की तुलना में काफी कम है. जून,2018 में कोयला उत्पादन 11.5 प्रतिशत बढ़ा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल जून की तिमाही में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 3.5 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.5 प्रतिशत रही थी.

इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बुनियादी उद्योगों के आंकड़े पर कहा कि बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर काफी कम रहने के साथ वाहन उत्पादन और गैर तेल वस्तुओं का निर्यात भी घटा है. यह इस बात का संकेत देता है कि जून, 2019 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर करीब एक प्रतिशत के आसपास रहेगी.

आईआईपी के आंकड़े इसी महीने बाद में आएंगे. नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों के आंकड़े आने के बाद अगस्त, 2019 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती की गुंजाइश बढ़ी है. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अगली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा सात अगस्त को जारी करेगा.

नई दिल्ली: बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार जून महीने में सुस्त पड़ गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खनिज तेल और तेल रिफाइनरी तथा सीमेंट उत्पादन घटने से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून में घटकर 0.2 प्रतिशत पर आ गई.

सरकार ने बुधवार को मई महीने के बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया. पहले इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन में जून, 2018 में 7.8 प्रतिशत बढ़ा था. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है.

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार जून में कच्चे तेल का उत्पादन एक साल पहले के इसी माह की तुलना में 6.8 प्रतिशत गिरा जबकि तेल रिफाइनरी उद्योग के उत्पादन में सालाना आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. जून, 2018 में इस क्षेत्र का उत्पादन 12.1 प्रतिशत बढ़ा था. जून महीने में प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी घटा. सीमेंट उत्पादन भी एक साल पहले के इसी माह से 1.5 प्रतिशत कम रहा.

हालांकि, समीक्षाधीन महीने में इस्पात उत्पादन में 6.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी. दो माह की गिरावट के बाद जून में उर्वरक उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. समीक्षाधीन महीने में कोयला उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा.

हालांकि, यह पिछले साल समान महीने की तुलना में काफी कम है. जून,2018 में कोयला उत्पादन 11.5 प्रतिशत बढ़ा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल जून की तिमाही में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 3.5 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.5 प्रतिशत रही थी.

इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बुनियादी उद्योगों के आंकड़े पर कहा कि बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर काफी कम रहने के साथ वाहन उत्पादन और गैर तेल वस्तुओं का निर्यात भी घटा है. यह इस बात का संकेत देता है कि जून, 2019 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर करीब एक प्रतिशत के आसपास रहेगी.

आईआईपी के आंकड़े इसी महीने बाद में आएंगे. नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों के आंकड़े आने के बाद अगस्त, 2019 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती की गुंजाइश बढ़ी है. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अगली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा सात अगस्त को जारी करेगा.

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नई दिल्ली: बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार जून महीने में सुस्त पड़ गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खनिज तेल और तेल रिफाइनरी तथा सीमेंट उत्पादन घटने से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून में घटकर 0.2 प्रतिशत पर आ गई.

सरकार ने बुधवार को मई महीने के बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया. पहले इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन में जून, 2018 में 7.8 प्रतिशत बढ़ा था. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार जून में कच्चे तेल का उत्पादन एक साल पहले के इसी माह की तुलना में 6.8 प्रतिशत गिरा जबकि तेल रिफाइनरी उद्योग के उत्पादन में सालाना आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. जून, 2018 में इस क्षेत्र का उत्पादन 12.1 प्रतिशत बढ़ा था. जून महीने में प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी घटा. सीमेंट उत्पादन भी एक साल पहले के इसी माह से 1.5 प्रतिशत कम रहा.

हालांकि, समीक्षाधीन महीने में इस्पात उत्पादन में 6.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी. दो माह की गिरावट के बाद जून में उर्वरक उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. समीक्षाधीन महीने में कोयला उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा.

हालांकि, यह पिछले साल समान महीने की तुलना में काफी कम है. जून,2018 में कोयला उत्पादन 11.5 प्रतिशत बढ़ा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल जून की तिमाही में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 3.5 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.5 प्रतिशत रही थी.

इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बुनियादी उद्योगों के आंकड़े पर कहा कि बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर काफी कम रहने के साथ वाहन उत्पादन और गैर तेल वस्तुओं का निर्यात भी घटा है. यह इस बात का संकेत देता है कि जून, 2019 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर करीब एक प्रतिशत के आसपास रहेगी.

आईआईपी के आंकड़े इसी महीने बाद में आएंगे. नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों के आंकड़े आने के बाद अगस्त, 2019 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती की गुंजाइश बढ़ी है. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अगली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा सात अगस्त को जारी करेगा.

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