नई दिल्ली: बैंकों का सकल फंसा कर्ज (एनपीए) चालू वित्त वर्ष के अंत तक घटकर 9.1 लाख करोड़ रुपये पर आने की उम्मीद है. एसोचैम-क्रिसिल के एक संयुक्त अध्ययन में यह बात कही गयी है.
अध्ययन रिपोर्ट 'बोलस्टरिंग एआरसी' के अनुसार भारतीय बैंकों का सकल एनपीए 31 मार्च 2019 को 9.4 लाख करोड़ रुपये था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दबाव वाली परिसंपत्तियों में निवेश करने वाले निवेशकों के पास व्यापक अवसर हैं.
ये भी पढ़ें - बैंक अधिकारियों के संघों की विलय पर पांच सितंबर को दिल्ली में बैठक
31 मार्च 2019 तक बैंकिंग प्रणाली में 9.4 लाख करोड़ रुपये का एनपीए था. इसमें से करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी कारपोरेट क्षेत्र की होने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार इसमें करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये बड़ी दबाव वाली परिसंपत्तियां हैं जो ऐसी सम्पत्तियों में निवेश करने वालों के लिए अपने आप में बड़ा मौका है.